*किशन खंडेलवाल की सुंदर कविता -“गांव की पुरानी यादें”*
देव भूमि जे के न्यूज,16/11/2023-
गांव की पुरानी यादें….
तुम छत पर खड़ी होती हो तो पूरा मुहल्ला महक उठता है।
तुम्हारे बदन की खुशबू से हर जवां दिल चहक उठता है।।
कभी चहल कदमी करते हुए हमारे घर भी आ जाया करो।
प्यार के पुराने जख्मों पर थोड़ी मलहम लगाके जाया करो।।
कभी इसी आंगन में हम साथ साथ मिलकर खेला करते थे।
बचपन को छोड़ हम जवानी की ठेला ठेली करते थे।।
अब तुम मुझसे नजरें चुराकर बताओ शर्माती क्यों हो?
छत पर खड़ी हो मुझे सुनाकर प्यार के गीत गाती क्यों हो?
घर आओ मेरे नंबर ले जाओ कभी मिला लिया करो।
सच में नहीं तो सपने में किशनp को गले लगा लिया करो।।