उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- ‛अहं’ की गुरुदक्षिणा*


*आज का पञ्चांग*

*दिनांक:- 24/10/2024, गुरुवार*
*अष्टमी, कृष्ण पक्ष,*
*कार्तिक*
(समाप्ति काल)

तिथि———–अष्टमी 25:57:43 तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र———— पुष्य 31:38:58
योग———— साध्य 29:21:12
करण———– बालव 13:31:57
करण———- कौलव 25:57:43
वार———————- गुरूवार
माह——————— कार्तिक
चन्द्र राशि—————— कर्क
सूर्य राशि—————– तुला
रितु———————— हेमंत
आयन—————- दक्षिणायण
संवत्सर——————- क्रोधी
संवत्सर (उत्तर) ————कालयुक्त
विक्रम संवत————– 2081
गुजराती संवत———— 2080
शक संवत—————- 1946
कलि संवत————— 5125
सूर्योदय————– 06:25:53
सूर्यास्त—————- 17:40:20
दिन काल———— 11:14:27
रात्री काल———— 12:46:10
चंद्रास्त————– 13:20:12
चंद्रोदय—————- 23:55:28
लग्न—-तुला 6°54′ , 186°54′
सूर्य नक्षत्र—————– स्वाति
चन्द्र नक्षत्र——————- पुष्य
नक्षत्र पाया—————— रजत

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

हु—- पुष्य 12:31:28

हे—- पुष्य 18:51:10

हो—- पुष्य 25:13:42

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= तुला 06°45, स्वाति 1 रू
चन्द्र=कर्क 03°30 , पुष्य 1 हु
बुध =तुला 21°53′ विशाखा 1 ती
शु क्र= वृश्चिक 13°05, अनुराधा’ 3 नू
मंगल=कर्क 01°30 ‘ पुनर्वसु’ 4 ही
गुरु=वृषभ 26°30 मृगशिरा, 2 वो
शनि=कुम्भ 19°50 ‘ शतभिषा , 4 सू
राहू=(व) मीन 11°01 उo भा o, 3 झ
केतु= (व)कन्या 11°01 हस्त 1 पू

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 13:27 – 14:52 अशुभ
यम घंटा 06:26 – 07:50 अशुभ
गुली काल 09:15 – 10: 39अशुभ
अभिजित 11:41 – 12:26 शुभ
दूर मुहूर्त 10:11 – 10:56 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:40 – 15:25 अशुभ
वर्ज्यम 14:38 – 16:19 अशुभ
प्रदोष 17:40 – 20:16 शुभ

💮चोघडिया, दिन
शुभ 06:26 – 07:50 शुभ
रोग 07:50 – 09:15 अशुभ
उद्वेग 09:15 – 10:39 अशुभ
चर 10:39 – 12:03 शुभ
लाभ 12:03 – 13:27 शुभ
अमृत 13:27 – 14:52 शुभ
काल 14:52 – 16:16 अशुभ
शुभ 16:16 – 17:40 शुभ

🚩चोघडिया, रात
अमृत 17:40 – 19:16 शुभ
चर 19:16 – 20:52 शुभ
रोग 20:52 – 22:28 अशुभ
काल 22:28 – 24:03* अशुभ
लाभ 24:03* – 25:39* शुभ
उद्वेग 25:39* – 27:15* अशुभ
शुभ 27:15* – 28:51* शुभ
अमृत 28:51* – 30:27* शुभ

💮होरा, दिन
बृहस्पति 06:26 – 07:22
मंगल 07:22 – 08:18
सूर्य 08:18 – 09:15
शुक्र 09:15 – 10:11
बुध 10:11 – 11:07
चन्द्र 11:07 – 12:03
शनि 12:03 – 12:59
बृहस्पति 12:59 – 13:56
मंगल 13:56 – 14:52
सूर्य 14:52 – 15:48
शुक्र 15:48 – 16:44
बुध 16:44 – 17:40

🚩होरा, रात
चन्द्र 17:40 – 18:44
शनि 18:44 – 19:48
बृहस्पति 19:48 – 20:52
मंगल 20:52 – 21:56
सूर्य 21:56 – 22:59
शुक्र 22:59 – 24:03
बुध 24:03* – 25:07
चन्द्र 25:07* – 26:11
शनि 26:11* – 27:15
बृहस्पति 27:15* – 28:19
मंगल 28:19* – 29:23
सूर्य 29:23* – 30:27

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

तुला > 04:54 से 07: 10 तक
वृश्चिक > 07:10 से 09:32 तक
धनु > 09:32 से 11:48 तक
मकर > 11:48 से 14:40 तक
कुम्भ > 14:40 से 15:04 तक
मीन > 15:04 से 16:40 तक
मेष > 16:40 से 18:00 तक
वृषभ > 18:00 से 20:08 तक
मिथुन > 20:08 से 22:16 तक
कर्क > 22:16 से 00:50 तक
सिंह > 00:50 से 02:40 तक
कन्या > 02:40 से 04:50 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 8 + 5 + 1 = 29 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

गुरु ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

23 + 23 + 5 = 51 ÷ 7 = 2 शेष

गौरी सन्निधौ = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*अहोई अष्टमी व्रत*

*अर्धरात्रि दाम्पत्य स्नान राधाकुंड गोवर्धन*

*सर्वार्थ, अमृत सिद्धि योग*

*गुरु पुष्य योग*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

दुर्जनस्य च सर्पस्य वरं सर्पो न दुर्जनः ।
सर्पो दंशति काले तु दुर्जनस्तु पदे पदे ।।
।। चा o नी o।।

एक दुर्जन और एक सर्प मे यह अंतर है की साप तभी डंख मरेगा जब उसकी जान को खतरा हो लेकिन दुर्जन पग पग पर हानि पहुचने की कोशिश करेगा .

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11

मदनुग्रहाय परमं गुह्यमध्यात्मसञ्ज्ञितम्‌ ।,
यत्त्वयोक्तं वचस्तेन मोहोऽयं विगतो मम ॥,

अर्जुन बोले- मुझ पर अनुग्रह करने के लिए आपने जो परम गोपनीय अध्यात्म विषयक वचन अर्थात उपदेश कहा, उससे मेरा यह अज्ञान नष्ट हो गया है॥,1॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। लॉटरी व सट्टे से दूर रहें। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में प्रमोशन प्राप्त हो सकता है। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। आंखों का ख्याल रखें। अज्ञात भय सताएगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। कानूनी अड़चन आ सकती है।

🐂वृष
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। बेवजह कहासुनी हो सकती है। कानूनी अड़चन दूर होगी। व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मियों का साथ मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। प्रसन्नता रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।

👫मिथुन
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। किसी अप‍रिचित पर अतिविश्वास न करें। विवाद से क्लेश होगा। दूसरों के उकसाने में न आएं। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। आय में निश्चितता रहेगी। कोई बड़ी समस्या आ सकती है। धैर्य रखें।

🦀कर्क
शारीरिक कष्ट संभव है तथा तनाव रहेंगे। सुख के साधन प्राप्त होंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। लंबे समय से रुके कार्यों में गति आएगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। मित्रों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।

🐅सिंह
आराम तथा मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे। यश बढ़ेगा। व्यापार वृद्धि होगी। नई योजना बनेगी जिसका तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। विरोधी सक्रिय रहेंगे। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। प्रमाद न करें।

🙍‍♀️कन्या
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। पुराना रोग परेशानी का कारण रह सकता है। दूसरों के कार्य में दखल न दें। बड़ों की सलाह मानें। लाभ होगा। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। मानसिक बेचैनी रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। धैर्य रखें।

⚖️तुला
घर के सदस्यों के स्वास्थ्य व अध्ययन संबंधी चिंता रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। दुष्टजनों से दूरी बनाए रखें। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरी में उच्चाधिकारी सहयोग करेंगे।

🦂वृश्चिक
शत्रु पस्त होंगे। सुख के साधन जुटेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पराक्रम बढ़ेगा। लंब समय से रुके कार्य सहज रूप से पूर्ण होंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। शेयर मार्केट में सफलता मिलेगी। व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि होगी। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। शुभ समय।

🏹धनु
शत्रु हानि पहुंचा सकते हैं। दु:खद समाचार मिल सकता है। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। लाभ के अवसर हाथ से निकलेंगे। बेवजह कहासुनी हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यापार ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। धैर्य रखें।

🐊मकर
किसी अपने के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। शारीरिक कष्ट संभव है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शत्रु पस्त होंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल होंगे। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि होगी।

🍯कुंभ
घर में अतिथियों का आगमन होगा। व्यय होगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। अज्ञात भय रहेगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा।

🐟मीन
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कुबुद्धि हावी रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। मित्रों से संबंध सुधरेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*‛अहं’ की गुरुदक्षिणा*
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एक ऋषि के पास एक युवक ज्ञान के लिए पहुंचा, ज्ञान प्राप्ति के बाद शिष्य ने गुरु दक्षिणा में गुरु को कुछ देना चाहा।
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गुरु ने दक्षिणा के रूप में वह चीज मांगी, जो बिलकुल व्यर्थ हो। शिष्य व्यर्थ चीज की खोज में निकल पड़ा।
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उसने मिट्टी की ओर हाथ बढ़ाया, तो मिट्टी बोल पड़ी…
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तुम मुझे व्यर्थ समझ रहे हो? क्या तुम्हें पता नहीं है कि इस दुनिया का सारा वैभव मेरे ही गर्भ से प्रकट होता है?
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ये विविध वनस्पतियां ये रूप, रस और गंध सब कहां से आते हैं?
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शिष्य आगे बढ़ गया। थोड़ी दूर पर उसे एक पत्थर मिला। शिष्य ने सोचा, इसे ही ले चलूं।
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जैसे ही उसे लेने के लिए हाथ बढ़ाया, तो पत्थर से आवाज आई, तुम इतने ज्ञानी होकर भी मुझे बेकार क्यों मान रहे हो।
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तुम अपने भवन और अट्टलिकाएं किससे बनाते हो? तुम्हारे मंदिरों में किसे गढ़ कर देव प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं?
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मेरे इतने उपयोग के बाद भी तुम मुझे व्यर्थ मान रहे हो। यह सुनकर शिष्य ने फिर अपना हाथ खींच लिया।
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वह सोचने लगा, जब मिट्टी और पत्थर इतने उपयोगी हैं, तो आखिर व्यर्थ क्या हो सकता है?
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उसके मन से आवाज आई कि सृष्टि का हर पदार्थ अपने आप में उपयोगी है तो ऐसा क्या है जो मैं गुरु जी को दक्षिणा में दे सकूं।
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रास्ते में उसे एक संत मिले, युवक ने उन्हें अपनी बात बताई।
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संत मुस्कराए और युवक से कहा ऐसा नहीं है व्यर्थ की चीजें सिर्फ वह होती हैं, जिनका सीधे तौर पर आपके जीवन में कोई कार्य नहीं होता…
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बल्कि व्यर्थ की चीजें वह हैं जिनसे किसी कोई भला नहीं हो सकता।
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वस्तुतः व्यर्थ और तुच्छ वह है, जो दूसरों को व्यर्थ और तुच्छ समझता है। व्यक्ति के भीतर का अहंकार ही एक ऐसा तत्व है, जिसका कहीं कोई उपयोग नहीं।
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यह सुनकर शिष्य सीधा गुरु जी के पास गया और उनके पैरों में गिर पड़ा। वह दक्षिणा में अपना अहंकार देने आया था।
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जय जय श्री राधे

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जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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