उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -ढोल*


*आज का पञ्चांग*

*दिनांक:- 13/11/2024, बुधवार*
*द्वादशी, शुक्ल पक्ष,*
*कार्तिक*
(समाप्ति काल)

तिथि———- द्वादशी 13:00:57 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र———– रेवती 27:10:18
योग————– वज्र 15:24:16
करण———– बालव 13:00:57
करण———– कौलव 23:23:15
वार———————– बुधवार
माह———————- कार्तिक
चन्द्र राशि——- मीन 27:10:18
चन्द्र राशि—————— मेष
सूर्य राशि——————- तुला
रितु————————- हेमंत
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर (उत्तर) ————–कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————– 2081
शक संवत—————— 1946
कलि संवत—————– 5125
सूर्योदय————– 06:39:56
सूर्यास्त————— 17:26:48
दिन काल———— 10:46:51
रात्री काल———— 13:13:54
चंद्रोदय————– 15:32:12
चंद्रास्त—————- 28:39:34
लग्न—- तुला 26°57′ , 206°57′
सूर्य नक्षत्र————— विशाखा
चन्द्र नक्षत्र—————— रेवती
नक्षत्र पाया—————— स्वर्ण

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

दे—- रेवती 11:03:33

दो—- रेवती 16:26:36

च—- रेवती 21:48:48

ची—- रेवती 27:10:18

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= तुला 26°45, विशाखा 3 ते
चन्द्र=मीन 17°30 , रेवती 1 दे
बुध =वृश्चिक 19°52 ‘ ज्येष्ठा 1 नो
शु क्र= धनु 07°05, मूल’ 3 भा
मंगल=कर्क 08°30 ‘ पुष्य ‘ 2 हे
गुरु=वृषभ 25°30 मृगशिरा, 1 वे
शनि=कुम्भ 18°50 ‘ शतभिषा , 4 सू
राहू=(व) मीन 09°55 उo भा o, 2 थ
केतु= (व)कन्या 09°55 उ o फा o 4 पी

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 12:03 – 13:24 अशुभ
यम घंटा 08:01 – 09:22 अशुभ
गुली काल 10:43 – 12: 03अशुभ
अभिजित 11:42 – 12:25 अशुभ
दूर मुहूर्त 11:42 – 12:25 अशुभ
वर्ज्यम 16:27 – 17:53 अशुभ
प्रदोष 17:27 – 20:08 शुभ

💮गंड मूल अहोरात्र अशुभ

🚩पंचक 06:40 – 27:10* अशुभ

💮चोघडिया, दिन
लाभ 06:40 – 08:01 शुभ
अमृत 08:01 – 09:22 शुभ
काल 09:22 – 10:43 अशुभ
शुभ 10:43 – 12:03 शुभ
रोग 12:03 – 13:24 अशुभ
उद्वेग 13:24 – 14:45 अशुभ
चर 14:45 – 16:06 शुभ
लाभ 16:06 – 17:27 शुभ

🚩चोघडिया, रात
उद्वेग 17:27 – 19:06 अशुभ
शुभ 19:06 – 20:45 शुभ
अमृत 20:45 – 22:25 शुभ
चर 22:25 – 24:04* शुभ
रोग 24:04* – 25:43* अशुभ
काल 25:43* – 27:22* अशुभ
लाभ 27:22* – 29:01* शुभ
उद्वेग 29:01* – 30:41* अशुभ

💮होरा, दिन
बुध 06:40 – 07:34
चन्द्र 07:34 – 08:28
शनि 08:28 – 09:22
बृहस्पति 09:22 – 10:16
मंगल 10:16 – 11:09
सूर्य 11:09 – 12:03
शुक्र 12:03 – 12:57
बुध 12:57 – 13:51
चन्द्र 13:51 – 14:45
शनि 14:45 – 15:39
बृहस्पति 15:39 – 16:33
मंगल 16:33 – 17:27

🚩होरा, रात
सूर्य 17:27 – 18:33
शुक्र 18:33 – 19:39
बुध 19:39 – 20:45
चन्द्र 20:45 – 21:51
शनि 21:51 – 22:58
बृहस्पति 22:58 – 24:04
मंगल 24:04* – 25:10
सूर्य 25:10* – 26:16
शुक्र 26:16* – 27:22
बुध 27:22* – 28:28
चन्द्र 28:28* – 29:35
शनि 29:35* – 30:41

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

तुला > 03:38 से 05: 50 तक
वृश्चिक > 05:50 से 08:16 तक
धनु > 08:20 से 10:28 तक
मकर > 10:32 से 13:24 तक
कुम्भ > 13:24 से 13: 52 तक
मीन > 13:52 से 15:24 तक
मेष > 15:24 से 16:48 तक
वृषभ > 16:48 से 18:52 तक
मिथुन > 18:52 से 21:00 तक
कर्क > 21:00 से 23:32 तक
सिंह > 23:32 से 01:28 तक
कन्या > 01:28 से 03:40 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

12 + 4 + 1 = 17 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शनि ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

12 + 12 + 5 = 29 ÷ 7 = 1 शेष

कैलाश वास = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

स्वर्ग लोक = शुभ कारक

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*प्रदोष व्रत (शिव पूजन)*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

यस्य पुत्रो वशीभूतो भार्या छन्दानुगामिनी ।
विभवे यश्च सन्तुष्टस्तस्य स्वर्ग इहैव हि ।।
।। चा o नी o।।

३. उस व्यक्ति ने धरती पर ही स्वर्ग को पा लिया :
१. जिसका पुत्र आज्ञांकारी है,
२. जिसकी पत्नी उसकी इच्छा के अनुरूप व्यव्हार करती है,
३. जिसे अपने धन पर संतोष है।

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11

अमी हि त्वां सुरसङ्‍घा विशन्ति
केचिद्भीताः प्राञ्जलयो गृणन्ति।,
स्वस्तीत्युक्त्वा महर्षिसिद्धसङ्‍घा:
स्तुवन्ति त्वां स्तुतिभिः पुष्कलाभिः ॥,

वे ही देवताओं के समूह आप में प्रवेश करते हैं और कुछ भयभीत होकर हाथ जोड़े आपके नाम और गुणों का उच्चारण करते हैं तथा महर्षि और सिद्धों के समुदाय ‘कल्याण हो’ ऐसा कहकर उत्तम-उत्तम स्तोत्रों द्वारा आपकी स्तुति करते हैं॥,21॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
धन प्राप्ति सुगम होगी। पराक्रम बढ़ेगा। जीवनसाथी से आर्थिक मतभेद हो सकते हैं। कामकाज में आशानुरूप स्थिति बनेगी। संतान के व्यवहार पर नजर रखें। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। थकान रहेगी।

🐂वृष
आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। आपके व्यवहार एवं कार्यकुशलता से अधिकारी वर्ग से लाभ होगा। आपसी विचार-विमर्श लाभप्रद रहेगा। बुरी खबर मिल सकती है। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। लेन-देन में सावधानी रखें।

👫मिथुन
दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। पूंजी निवेश बढ़ेगा। साहित्यिक रुचि बढ़ेगी। आर्थिक योग शुभ हैं। यात्रा से व्यापारिक लाभ हो सकता है। रुका हुआ धन प्राप्त होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। विवाद न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। सुसंगति से लाभ होगा।

🦀कर्क
अप्रत्याशित लाभ होगा। राजकीय सहयोग मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। जोखिम बिलकुल न लें। धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। व्यापार व नौकरी में हितकारकों की पूर्ण कृपा रहेगी। गृह उपयोगी वस्तुएं क्रय करेंगे। नए संबंधों के प्रति सतर्क रहें।

🐅सिंह
पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा। रुका पैसा मिलेगा। शत्रु आपकी छवि को धूमिल करने का प्रयास करेंगे। अतः सावधान रहें। फालतू खर्च होगा। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। कुसंगति से बचें। दूसरों पर भरोसा न करें। धैर्य रखें। व्यापार में सफलता मिलेगी।

🙎‍♀️कन्या
पुराने मित्र-संबंधी मिलेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। कार्य एवं व्यवसाय के क्षेत्र में विभिन्न बाधाओं से मन अशांत रहेगा। विवादों से दूर रहना चाहिए। उत्साहवर्द्धक सूचना मिलेगी। स्वाभिमान बढ़ेगा। आर्थिक तंगी रहेगी। पिछले कार्यों को टालें। पारिवारिक तनाव से मन परेशान रहेगा। व्यापार में हानि हो सकती है।

⚖️तुला
कार्यसिद्धि होगी। आय-व्यय में संतुलन रहेगा। क्रोध पर संयम आवश्यक है। व्यापार में नए अनुबंध लाभकारी रहेंगे। धर्म में रुचि बढ़ेगी। नई योजना से लाभ होगा। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। वरिष्ठजनों का सहयोग मिलेगा। कोर्ट व कचहरी के काम बनेंगे।

🦂वृश्चिक
संतान की ओर से अच्छे समाचार मिलेंगे। दूसरों के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं करें। परिवार की चिंता रहेगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। व्यापार के विस्तार हेतु किए गए प्रयास सफल होंगे।

🏹धनु
लाभ होगा। पिछले कार्यों को टालना चाहिए क्योंकि उसमें असफलता का योग है। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय बाधा दूर होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रुभय रहेगा। अनावश्यक विवाद होगा। व्यावसायिक योजनाएँ क्रियान्वित नहीं हो पाएँगी।

🐊मकर
नए अनुबंध होंगे। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। जल्दबाजी व भागदौड़ से काम करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाएँ। अच्छे मित्र से भेंट होगी। पराक्रम की वृद्धि होगी। समाज-परिवार में आदर मिलेगा। योजना फलीभूत होगी।

🍯कुंभ
धनलाभ होगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। वाहन सुख मिलेगा। संपत्ति के लेन-देन में सावधानी बरतें। परिवार में सहयोग का वातावरण रहेगा। मेहनत का फल मिलेगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। यात्रा सफल रहेगी। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। संतान पर ध्यान दें। जल्दबाजी व भागदौड़ से कार्य करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाएं।

🐟मीन
प्रसन्नता रहेगी। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। संतान के रोजगार की समस्या का समाधान संभव है। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। कश्मकश दूर होगी। स्वजनों से भेंट होगी। खर्चों में वृद्धि से चिंता होगी।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*…..ढोल…..*

एक छोटे से गांव नयासर में एक गरीब औरत अपने परिवार के साथ रहती थी,उस गरीब औरत के एक बेटा था,वह बड़े घरों में काम करके वो अपना गुजारा करती थी,वह अपने बच्चे के लिए कभी खिलौना नही ला सकी एक दिन उसे काम के बदले अनाज मिला.

वह अनाज को हाट में बेचने जाती है और जाते समय उसने बेटे से पूछा, बोल, बेटे तेरे लिए हाट से क्या लेकर आऊं?”

बेटे ने झट जवाब दिया, ढोल, मेरे लिए एक ढोल ले आना मां।’

मां जानती थी कि उसके पास कभी इतने पैसे नहीं होंगे कि वह बेटे के लिए ढोल खरीद सके वह हाट गई, वहां अनाज बेचा और उन पैसों से कुछ बेसन और नमक ख़रीदा।
उसे दुख था कि वह बेटे के लिए कुछ नहीं ला पाई वापस आते हुए रास्ते में उसे लकड़ी का एक प्यारा-सा टुकड़ा दिखा उसने उसे उठा लिया और आकर बेटे को दे दिया बेटे की कुछ समझ में नहीं आया कि उसका वह क्या करे.

दिन के समय वह खेलने के लिए गया, तो उस टुकड़े को अपने साथ ले गया। एक बुढ़िया अम्मा चूल्हे में उपले(गोबर से बने हुए) जलाने की कोशिश कर रही थीं, पर सीले उपलों ने आग नहीं पकड़ी।

चारों तरफ़ धुआं ही धुआं हो गया। धुए से अम्मा की आंखों में पानी आ गया। लड़का रुका और पूछा, ‘अम्मा, रो क्यों रही हैं?”
बूढ़ी अम्मा ने कहा, ‘चूल्हा नहीं जल रहा है। चूल्हा नहीं जलेगा, तो रोटी कैसे बनेगी?
लड़के ने कहा, ‘मेरे पास लकड़ी का टुकड़ा है, चाहो तो उससे आग जला लो। अम्मा बहुत खुश हुई। उन्होंने चूल्हा जलाया, रोटियां बनाई और एक रोटी लड़के को दी.

रोटी लेकर वह चल पड़ा चलते-चलते उसे एक कुम्हारिन मिली उसका बच्चा मिट्टी में लोटते हुए ज़ोर-ज़ोर से रो रहा था लड़का रुका और पूछा कि वह रो क्यों रहा है.

कुम्हारिन ने कहा कि वह भूखा है और घर में खाने को कुछ नहीं है लड़के ने अपनी रोटी बच्चे को दे दी बच्चा चुप हो गया और जल्दी जल्दी रोटी खाने लगा कुम्हारिन ने उसका बहुत आभार माना और एक घड़ा दिया.
वह आगे बढ़ा चलते-चलते वह नदी पर पहुंचा वहां उसने धोबी और धोबिन को झगड़ते हुए देखा लड़के ने रुककर इसका कारण पूछा। धोबी ने कहा, ‘चिल्लाऊं नहीं तो क्या करूं? इसने शराब के नशे में घड़ा फोड़ दिया अब मैं कपड़े किस में उबालूं?’ लड़के ने कहा, ‘झगड़ा मत करो.

मेरा घड़ा ले लो इतना बड़ा घड़ा पाकर धोबी खुश हो गया बदले में उसने लड़के को एक कोट दिया.
कोट लेकर लड़का चल पड़ा चलते- चलते वह एक पुल पर पहुंचा। वहां उसने आदमी को ठंड से ठिठुरते हुए देखा बेचारे के शरीर पर कुर्ती तक नहीं था लड़के ने उसे पूछा कि उसका कुर्ता कहां गया. आदमी ने बताया, ‘मैं इस घोड़े पर बैठकर शहर जा रहा था, रास्ते में डाकुओं ने सब छीन लिया और तो और, कुर्ता तक उतरवा लिया।’
लड़के ने कहा, ‘चिंता मत करो। लो, यह कोट पहन लो आदमी ने कोट लेते हुए कहा, ‘तुम बहुत भले हो, मैं तुम्हें यह घोड़ा भेंट करता हूं।”

लड़के ने घोड़ा ले लिया थोड़ा आगे जाकर उसने एक बरात को देखा लेकिन दूल्हा, बराती, गाने-बजाने वाले सब मुंह लटकाए हुए पेड़ के नीचे बैठे थे लड़के ने पूछा कि वे उदास क्यों हैं.

दूल्हे के पिता ने कहा, ‘हमें लड़की वालों के यहां जाना है, पर दूल्हे के लिए घोड़ा नहीं है जो घोड़ा लेने गया वह अभी तक लौटा नहीं दूल्हा पैदल तो चलने से रहा पहले ही बहुत देर हो गई है कहीं विवाह का मुहूर्त न निकल जाए।’ लड़के ने उन्हें अपना घोड़ा दे दिया सबकी बांछे खिल गई दूल्हे ने लड़के से पूछा,’तुमने बड़ी मदद की हम तुम्हारे लिए क्या कर सकते हैं? लड़के ने कहा,’आप अगर कुछ देना चाहते हैं,तो यह ढोल दिला दें’ दूल्हे ने ढोल बजाने वाले से उसे ढोल दिला दिया।
लड़का भागा-भागा घर पहुंचा और ढोल बजाते हुए मां को पूरी कहानी सुनाने लगा कि उसकी दी हुईं लकड़ी से उसने ढोल कैसे प्राप्त किया लड़का ढोल को पाकर बहुत खुश हो गया और माँ भगवान का धन्यवाद करने लगी.

*तात्पर्य*
निस्वार्थ त्याग और सत्कर्म घूम फिर कर हमारे ही सामने आते है,उनका लाभ हमें ही मिलता है इसलिए अच्छे कर्म करते रहिये,भगवान हमारा हमेशा भला ही करेंगे..!!

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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