*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -तुलसी की महिमा*
*आज का पञ्चांग*
*दिनांक :- 19/11/2024, सोमवार*
*तृतीया, कृष्ण पक्ष,*
*मार्गशीर्ष*
(समाप्ति काल)
तिथि———– तृतीया 18:55:27 तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र——— मृगशिरा 15:47:54
योग————– सिद्ध 17:20:40
करण———– वणिज 07:55:49
करण——- विष्टि भद्र 18:55:27
करण————– बव 30:05:44
वार———————– सोमवार
माह———————- मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि—————– मिथुन
सूर्य राशि—————- वृश्चिक
रितु————————- हेमंत
आयन—————–दक्षिणायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर)————- कालयुक्त
विक्रम संवत————— 2081
गुजराती संवत————– 2081
शक संवत—————— 1946
कलि संवत—————- 5125
सूर्योदय————– 06:43:48
सूर्यास्त————— 17:24:50
दिन काल———— 10:41:02
रात्री काल————- 13:19:44
चंद्रास्त————– 09:21:00
चंद्रोदय—————- 19:34:47
लग्न—- वृश्चिक 1°59′ , 211°59′
सूर्य नक्षत्र—————– विशाखा
चन्द्र नक्षत्र————— मृगशिरा
नक्षत्र पाया—————— लोहा
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
का—- मृगशिरा 10:07:51
की—- मृगशिरा 15:47:54
कु—- आर्द्रा 21:30:31
घ—- आर्द्रा 27:15:48
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= वृश्चिक 01°45, विशाखा 4 तो
चन्द्र=मिथुन 01°30 , मृगशिरा 3 का
बुध =वृश्चिक 24°52 ‘ ज्येष्ठा 3 यी
शु क्र= धनु 13°05, मूल’ 4 भी
मंगल=कर्क 09°30 ‘ पुष्य ‘ 2 हे
गुरु=वृषभ 24°30 मृगशिरा, 1 वे
शनि=कुम्भ 18°50 ‘ शतभिषा , 4 सू
राहू=(व) मीन 09°40 उo भा o, 2 थ
केतु= (व)कन्या 09°40 उ o फा o 4 पी
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 08:04 – 09:24 अशुभ
यम घंटा 10:44 – 12:04 अशुभ
गुली काल 13:24 – 14: 45अशुभ
अभिजित 11:43 – 12:26 शुभ
दूर मुहूर्त 12:26 – 13:08 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:34 – 15:17 अशुभ
वर्ज्यम 23:48 – 25:20* अशुभ
प्रदोष 17:25 – 20:07 शुभ
💮चोघडिया, दिन
अमृत 06:44 – 08:04 शुभ
काल 08:04 – 09:24 अशुभ
शुभ 09:24 – 10:44 शुभ
रोग 10:44 – 12:04 अशुभ
उद्वेग 12:04 – 13:24 अशुभ
चर 13:24 – 14:45 शुभ
लाभ 14:45 – 16:05 शुभ
अमृत 16:05 – 17:25 शुभ
🚩चोघडिया, रात
चर 17:25 – 19:05 शुभ
रोग 19:05 – 20:45 अशुभ
काल 20:45 – 22:25 अशुभ
लाभ 22:25 – 24:05* शुभ
उद्वेग 24:05* – 25:45* अशुभ
शुभ 25:45* – 27:25* शुभ
अमृत 27:25* – 29:05* शुभ
चर 29:05* – 30:45* शुभ
💮होरा, दिन
चन्द्र 06:44 – 07:37
शनि 07:37 – 08:31
बृहस्पति 08:31 – 09:24
मंगल 09:24 – 10:17
सूर्य 10:17 – 11:11
शुक्र 11:11 – 12:04
बुध 12:04 – 12:58
चन्द्र 12:58 – 13:51
शनि 13:51 – 14:45
बृहस्पति 14:45 – 15:38
मंगल 15:38 – 16:31
सूर्य 16:31 – 17:25
🚩होरा, रात
शुक्र 17:25 – 18:31
बुध 18:31 – 19:38
चन्द्र 19:38 – 20:45
शनि 20:45 – 21:51
बृहस्पति 21:51 – 22:58
मंगल 22:58 – 24:05
सूर्य 24:05* – 25:11
शुक्र 25:11* – 26:18
बुध 26:18* – 27:25
चन्द्र 27:25* – 28:31
शनि 28:31* – 29:38
बृहस्पति 29:38* – 30:45
*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
वृश्चिक > 05:36 से 08:04 तक
धनु > 08:04 से 10:22 तक
मकर > 10:22 से 13:08 तक
कुम्भ > 13:08 से 13: 36 तक
मीन > 13:36 से 15:08 तक
मेष > 15:08 से 16:32 तक
वृषभ > 16:32 से 18:36 तक
मिथुन > 18:36 से 20:44 तक
कर्क > 20:44 से 23:16 तक
सिंह > 23:16 से 01:06 तक
कन्या > 01:06 से 03:22 तक
तुला > 03:22 से 05: 46 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 3 + 2 + 1 = 21 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
मंगल ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
18 + 18 + 5 = 41÷ 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक, दुःख कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
प्रातः 08:00 से सांय 18:55 तक
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*चतुर्थी व्रत चन्द्रोदय 19:30*
*सर्वार्थ, अमृत सिद्धि योग 15:38 तक*
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
कष्टञ्च खलु मूर्खत्वं कष्टं च खलु यौवनम् ।
कष्टात् कष्टतरं चैव परगेहे निवासनम् ।।
।। चा o नी o।।
मुर्खता दुखदायी है, जवानी भी दुखदायी है,लेकिन इन सबसे कहीं ज्यादा दुखदायी किसी दुसरे के घर जाकर उसका अहसान लेना है।
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11
अमी च त्वां धृतराष्ट्रस्य पुत्राः
सर्वे सहैवावनिपालसंघैः ।,
भीष्मो द्रोणः सूतपुत्रस्तथासौ
सहास्मदीयैरपि योधमुख्यैः ॥,
वक्त्राणि ते त्वरमाणा विशन्ति
दंष्ट्राकरालानि भयानकानि ।,
केचिद्विलग्ना दशनान्तरेषु
सन्दृश्यन्ते चूर्णितैरुत्तमाङ्गै ॥,
वे सभी धृतराष्ट्र के पुत्र राजाओं के समुदाय सहित आप में प्रवेश कर रहे हैं और भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य तथा वह कर्ण और हमारे पक्ष के भी प्रधान योद्धाओं के सहित सबके सब आपके दाढ़ों के कारण विकराल भयानक मुखों में बड़े वेग से दौड़ते हुए प्रवेश कर रहे हैं और कई एक चूर्ण हुए सिरों सहित आपके दाँतों के बीच में लगे हुए दिख रहे हैं॥,26-27॥,
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
सुख के साधन जुटेंगे। भूमि व भवन की योजना बनेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। संतान की प्रगति होगी। व्यापार-व्यवसाय में प्रगतिकारक वातावरण का सृजन होगा। पारिवारिक स्थिति आनंददायक रहेगी। मन प्रफुल्लित रहेगा।
🐂वृष
विवाद व जल्दबाजी से बचें। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। प्रसन्नता रहेगी। स्वास्थ्य की ओर ध्यान दें। अधूरे काम समय से पूरे होने के योग हैं। नए कार्यों से लाभ के मार्ग प्रशस्त होंगे। धन का संग्रह होगा।
👫मिथुन
तीर्थयात्रा हो सकती है। सत्संग का लाभ मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। वरिष्ठजनों का सहयोग मिलेगा। नवीन योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए दिन अच्छा होने की संभावना है। प्रेम-प्रसंग में सफलता मिलेगी। परिवार में मेल-मिलाप बढ़ेगा। अधिकारी वर्ग में महत्व बढ़ेगा।
🦀कर्क
संतान पक्ष की चिंता रहेगी। चोट व दुर्घटना से बचें। लेन-देन में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। खर्च का बोझ बढ़ेगा। किसी पर अत्यधिक भरोसा न करें। व्यापार, नौकरी में अड़चनें आने से मनोबल में कमी आ सकती है।
🐅सिंह
प्रेम में सफलता मिलेगी। प्रयास सफल रहेंगे। रुके कार्यों में गति आएगी। मान-सम्मान मिलेगा। धनार्जन होगा। प्रसन्नता रहेगी। पारिवारिक सुख एवं पत्नी के सहयोग से मन प्रसन्न रहेगा। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। किसी से बहस न करें। काम-धंधे में सफलता के शुभ संकेत हैं।
🙎♀️कन्या
लेनदारी वसूल होगी। यात्रा मनोरंजक रहेगी। लाभ के अवसर मिलेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। राज्य एवं व्यवसाय के क्षेत्र में विशेष लाभ का योग है। आर्थिक उन्नति होगी। सामाजिक उत्तरदायित्व की पूर्ति करेंगे। ईश्वर के प्रति श्रद्धा बढ़ेगी।
⚖️तुला
प्रेम-प्रसंग में सफलता मिलेगी। बाहर सहायता से काम होंगे। प्रसन्नता रहेगी। संतान के संबंध में संतोष रहेगा। व्यावसायिक अथवा आजीविका संबंधी समस्या का समाधान हो सकेगा। पुरुषार्थ का पूर्ण फल मिलेगा। थकान रहेगी। शत्रु भय रहेगा।
🦂वृश्चिक
यात्रा में सावधानी रखें। विवाद को बढ़ावा न दें। दु:खद समाचार मिल सकता है। दौड़धूप अधिक होगी। वाणी पर संयम रखें। विरोधियों से सावधान रहें। परिवार की परेशानी का हल संभव है। भागीदारी के कामों में सफलता मिलेगी।
🏹धनु
अतिथियों का आवागमन होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। आत्मसम्मान बना रहेगा। सामाजिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभा सकेंगे। पारिवारिक सुख-शांति बरकरार रहेगी। जोखिम के कार्यों से दूर रहें। यात्रा होगी।
🐊मकर
कुसंगति से बचें। फालतू खर्च होंगे। लेन-देन में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें। संतान की गतिविधियों पर नजर रखना होगी। कामकाज का बोझ बढ़ने से व्यापार पर विपरीत असर हो सकता है। वाद-विवाद से दूर रहें।
🍯कुंभ
घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। रुके कार्यों में गति आएगी। माता के स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना आवश्यक। पुराने रुके कामों, लेनदेन में सफलता की संभावना है। रोमांस में सफलता मिलेगी। विद्यार्थियों को शिक्षा में उपलब्धि हासिल होने के योग हैं।
🐟मीन
अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। जोखिम उठाएं। यात्रा मनोरंजक रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। धनार्जन होगा। सोच-समझकर कार्य करना लाभप्रद रहेगा। पुरुषार्थ सफल होगा। वाहन चलाते समय सावधानी रखना चाहिए। व्यापार में नवीन प्रस्ताव मिलेंगे।
*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*
*🍁 तुलसी की महिमा 🍁*
राजस्थान में जयपुर के पास एक स्थान है – लदाणा। पहले वह एक छोटी सी रियासत थी। उसका राजा एक बार शाम के समय बैठा हुआ था। उसका एक मुसलमान नौकर किसी काम से वहाँ आया। राजा की दृष्टि अचानक उसके गले में पड़ी तुलसी की माला पर गयी। राजा ने चकित होकर पूछाः
“क्या बात है, क्या तू हिन्दू बन गया है ?”
“नहीं, हिन्दू नहीं बना हूँ।”
“तो फिर तुलसी की माला क्यों डाल रखी है ?”
“राजासाहब ! तुलसी की माला की बड़ी महिमा है।”
“क्या महिमा है ?”
“राजासाहब ! मैं आपको एक सत्य घटना सुनाता हूँ। एक बार मैं अपने ननिहाल जा रहा था। सूरज ढलने को था। इतने में मुझे दो छाया-पुरुष दिखाई दिये, जिनको हिन्दू लोग यमदूत बोलते हैं। उनकी डरावनी आकृति देखकर मैं घबरा गया। तब उन्होंने कहाः “तेरी मौत नहीं है।
अभी एक युवक किसान बैलगाड़ी भगाता-भगाता आयेगा। यह जो गड्ढा है उसमें उसकी बैलगाड़ी का पहिया फँसेगा और बैलों के कंधे पर रखा जुआ टूट जायेगा। बैलों को प्रेरित करके हम उद्दण्ड बनायेंगे, तब उनमें से जो दायीं ओर का बैल होगा, वह विशेष उद्दण्ड होकर युवक किसान के पेट में अपना सींग घुसा देगा और इसी निमित्त से उसकी मृत्यु हो जायेगी। हम उसी का जीवात्मा लेने आये हैं।”
राजासाहब ! खुदा की कसम, मैंने उन यमदूतों से हाथ जोड़कर प्रार्थना की कि ‘यह घटना देखने की मुझे इजाजत मिल जाय।’ उन्होंने इजाजत दे दी और मैं दूर एक पेड़ के पीछे खड़ा हो गया। थोड़ी ही देर में उस कच्चे रास्ते से बैलगाड़ी दौड़ती हुई आयी और जैसा उन्होंने कहा था ठीक वैसे ही बैलगाड़ी को झटका लगा, बैल उत्तेजित हुए, युवक किसान उन पर नियंत्रण पाने में असफल रहा।
बैल धक्का मारते-मारते उसे दूर ले गये और बुरी तरह से उसके पेट में सींग दिया और वह मर गया।”
राजाः “फिर क्या हुआ ?”
नौकरः “हजूर ! लड़के की मौत के बाद मैं पेड़ की ओट से बाहर आया और दूतों से पूछाः’इसकी रूह (जीवात्मा) कहाँ है, कैसी है ?”
वे बोलेः ‘वह जीव हमारे हाथ नहीं आया। मृत्यु तो जिस निमित्त से थी, हुई किंतु वहाँ हुई जहाँ तुलसी का पौधा था। जहाँ तुलसी होती है वहाँ मृत्यु होने पर जीव भगवान श्रीहरि के धाम में जाता है। पार्षद आकर उसे ले जाते हैं।’
हुजूर ! तबसे मुझे ऐसा हुआ कि मरने के बाद मैं बिहिश्त में जाऊँगा कि दोजख में यह मुझे पता नहीं, इसले तुलसी की माला तो पहन लूँ ताकि कम से कम आपके भगवान नारायण के धाम में जाने का तो मौका मिल ही जायेगा और तभी से मैं तुलसी की माला पहनने लगा।’
कैसी दिव्य महिमा है तुलसी-माला धारण करने की ! इसीलिए हिन्दुओं में किसी का अंत समय उपस्थित होने पर उसके मुख में तुलसी का पत्ता और गंगाजल डाला जाता है, ताकि जीव की सदगति हो जाय।