*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग प्रेरक प्रसंग -विकारो के पांच गधे*
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कलियुगाब्द…………………….5125
विक्रम संवत्……………………2080
शक संवत्………………………1945
रवि…………………………दक्षिणायन
मास……………………………….पौष
पक्ष………………………………कृष्ण
तिथी……………………………द्वादशी
रात्रि 11.53 पर्यंत पश्चात त्रयोदशी
सूर्योदय………….प्रातः 07.09.11 पर
सूर्यास्त………….संध्या 05.58.22 पर
सूर्य राशि…………………………..धनु
चन्द्र राशि……………………….वृश्चिक
गुरु राशि……………………………मेष
नक्षत्र………………………….अनुराधा
रात्रि 09.51 पर्यंत पश्चात ज्येष्ठा
योग………………………………..गंड
रात्रि 02.48 पर्यंत पश्चात वृद्धि
करण……………………………कौलव
दोप 12.24 पर्यंत पश्चात तैतिल
ऋतु……………………..(सहस्य) हेमंत
दिन……………………………सोमवार
🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
08 जनवरी सन 2024 ईस्वी ।
⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.11 से 12.54 तक ।
👁🗨 *राहुकाल :-*
प्रात: 08.32 से 09.52 तक ।
🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*धनु*
05:33:40 07:50:11
*मकर*
07:50:11 09:26:35
*कुम्भ*
09:26:35 10:59:56
*मीन*
10:59:56 12:31:09
*मेष*
12:31:09 14:11:53
*वृषभ*
14:11:53 16:10:32
*मिथुन*
16:10:32 18:24:14
*कर्क*
18:24:14 20:40:24
*सिंह*
20:40:24 22:52:13
*कन्या*
22:52:13 25:02:52
*तुला*
25:02:52 27:17:30
*वृश्चिक*
27:17:30 29:33:40
🚦 *दिशाशूल :-*
पूर्व दिशा- यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा प्रारंभ करें ।
☸ शुभ अंक…………………8
🔯 शुभ रंग………………सफ़ेद
✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 07.11 से 08.31 तक अमृत
प्रात: 09.52 से 11.12 तक शुभ
दोप. 01.52 से 03.12 तक चंचल
अप. 03.12 से 04.32 तक लाभ
सायं 04.32 से 05.52 तक अमृत
सायं 05.52 से 07.32 तक चंचल
रात्रि 10.52 से 12.32 तक लाभ |
📿 *आज का मंत्र :-*
॥ ॐ नीलकंठाय नमः ॥
📢 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (चतुर्थोऽध्यायः – ज्ञानकर्मसंन्यासयोगः) -*
अपाने जुह्वति प्राणं प्राणेऽपानं तथापरे।
प्राणापानगती रुद्ध्वा प्राणायामपरायणाः॥४-२९॥
अर्थात :
कुछ योगी अपान वायु में प्राण वायु का हवन करते हैं और दूसरे प्राण वायु में अपान वायु का हवन करते हैं । कुछ अन्य प्राणायाम परायण योगी प्राण और अपान की गति को रोककर॥29॥
🍃 *आरोग्यं :-*
*रूखी त्वचा का इलाज -*
स्नान से पहले सरसों के तेल को हल्का गुनगुना कर शरीर का मालिश. वैसे सरसों का तेल नहाने के बाद भी लगाया जाता रहा है. सरसों का तेल प्रयोग में नहीं लाने वाले जैतून यानी ऑलिव ऑयल के प्रयोग का विकल्प अपना सकते हैं.
ठंड हवायें बालों से भी प्राकृतिक तेल कम कर देती है, इसलिये सप्ताह में तीन से चार बार बालों में तेल लगायें. ग्लिस्रिन युक्त गुलाब जल के इस्तेमाल से त्वचा कोमल बनती है. सोने से पहले हाथ, पैर, चेहर पर कोल्ड क्रीम या म्वॉयश्चरायजर लगायें.
रूखापन दूर करने के लिये नारियल का हल्का गर्म तेल भी लगाया जा सकता है. नहाने के लिए ग्लिस्रिन युक्त साबुन का प्रयोग करें. हल्के गुनगुने या सामान्य पानी से नहाने को प्राथमिकता दी जा सकती है |
⚜ *आज का राशिफल :-*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
रुके कार्यों में गति आएगी। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। व्यापार ठीक चलेगा। मनोरंजक यात्रा हो सकती है। मित्रों के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी। झंझटों में न पड़ें।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
विवेक का प्रयोग करें। आय बनी रहेगी। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। व्यापार ठीक चलेगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। कार्य करते समय लापरवाही न करें। बनते कामों में बाधा हो सकती है। विवाद से बचें। काम में मन नहीं लगेगा।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। घर-परिवार में प्रसन्नता रहेगी। बाहर जाने का मन बनेगा। भाइयों से मतभेद दूर होंगे। घर-परिवार की चिंता रहेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
भूमि व भवन संबंधी बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेगा। बड़ा काम करने का मन बनेगा। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। आय में वृद्धि होगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से क्रोध रहेगा।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
यात्रा मनोरंजक रहेगी। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। मनपसंद भोजन की प्राप्ति संभव है। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। पारिवारिक सदस्यों तथा मित्रों के साथ आनंदायक समय व्यतीत होगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा।
💁♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
धैर्य रखें, समय सुधरेगा। बुरी सूचना मिल सकती है। मेहनत अधिक होगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। आय में कमी रहेगी। नकारात्मकता बढ़ेगी। विवाद से क्लेश होगा। जल्दबाजी में कोई महत्वपूर्ण निर्णय न लें। अनावश्यक परेशानी खड़ी हो सकती है। दूसरों की बातों में न आएं।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
पारिवारिक सुख-शांति बनी रहेगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति से सहयोग प्राप्त होगा। पूजा-पाठ में मन लगेगा। तीर्थदर्शन हो सकते हैं। विवेक का प्रयोग करें, लाभ होगा। मित्रों के साथ अच्छा समय बीतेगा। विरोध होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। झंझटों में न पड़ें। जल्दबाजी से हानि होगी। आलस्य हावी रहेगा।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आय में वृद्धि होगी। बिगड़े काम बनेंगे। प्रसन्नता रहेगी। मित्रों के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा। मनोरंजक यात्रा की योजना बनेगी। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य बिगड़ सकता है, ध्यान रखें। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। प्रमाद न करें।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
मान-सम्मान मिलेगा। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। योजना फलीभूत होगी। घर-परिवार के साथ आराम तथा मनोरंजन के साथ समय व्यतीत होगा। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। विरोध होगा। काम करते समय लापरवाही न करें। चोट लग सकती है। थकान तथा कमजोरी महसूस होगी। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
सेहत को प्राथमिकता दें। लेन-देन में जल्दबाजी से हानि होगी। अनावश्यक जोखिम न लें। किसी भी व्यक्ति के उकसावे में न आएं। फालतू खर्च होगा। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। महत्वपूर्ण निर्णय लेने का समय नहीं है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यापार मनोनुकूल चलेगा।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। भ्रम की स्थिति बन सकती है। बुद्धि का प्रयोग करें। कोई नया बड़ा काम करने की योजना बनेगी। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। लाभ में वृद्धि होगी। समय प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत होगा। हर कार्य बेहतर होगा।
🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
व्यावसायिक साझेदार पूर्ण सहयोग करेंगे। कोई नया उपक्रम प्रारंभ करने का मन बनेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। किसी बड़ी समस्या का हल मिलेगा। सेहत का ध्यान रखें। वरिष्ठजनों की सलाह काम आएगी। नए मित्र बनेंगे। आय बनी रहेगी।
*प्रेरक प्रसंग -विकारो के पांच गधे*
एक महात्मा कहीं जा रहे थे। रास्ते में वो आराम करने के लिये रुके। एक पेड के नीचे लेट कर सो गये नींद में उन्होंने एक स्वप्न देखा कि. “वे रास्ते में जा रहे हैं ,और उन्हें एक व्यापारी मिला, जो पांच गधों पर बड़ी- बड़ी गठरियां लादे हुए जा रहा था। गठरियां बहुत भारी थीं, जिसे गधे बड़ी मुश्किल से ढो पा रहे थे।
साधु ने व्यापारी से प्रश्न किया- “इन गठरियों में तुमने ऐसी कौन-सी चीजें रखी हैं, जिन्हें ये बेचारे गधे ढो नहीं पा रहे हैं?”
व्यापारी ने जवाब दिया- “इनमें इंसान के इस्तेमाल की चीजें भरी हैं। उन्हें बेचने मैं बाजार जा रहा हूं।
साधु ने पूछा- “अच्छा! कौन-कौन सी चीजें हैं, जरा मैं भी तो जानूं!”
व्यापारी ने कहा- “यह जो पहला गधा आप देख रहे हैं इस पर अत्याचार की गठरी लदी है।
साधु ने पूछा- “भला अत्याचार कौन खरीदेगा?”
व्यापारी ने कहा- “इसके खरीदार हैं राजा- महाराजा और सत्ताधारी लोग। काफी ऊंची दर पर बिक्री होती है इसकी।
साधु ने पूछा-“इस दूसरी गठरी में क्या है?
व्यापारी बोला- “यह गठरी अहंकार से लबालब भरी है और इसके खरीदार हैं विद्वान।
तीसरे गधे पर ईर्ष्या की गठरी लदी है और इसके ग्राहक हैं वे धनवान लोग, जो एक दूसरे की प्रगति को बर्दाश्त नहीं कर पाते। इसे खरीदने के लिए तो लोगों का तांता लगा रहता है।
साधु ने पूछा- “अच्छा! चौथी गठरी में क्या है भाई?”
व्यापारी ने कहा- “इसमें बेईमानी भरी है और इसके ग्राहक हैं वे कारोबारी, जो बाजार में धोखे से की गई बिक्री से काफी फायदा उठाते हैं। इसलिए बाजार में इसके भी खरीदार तैयार खड़े हैं।
साधु ने पूछा- “अंतिम गधे पर क्या लदा है?”
व्यापारी ने जवाब दिया- “इस गधे पर छल-कपट से भरी गठरी रखी है और इसकी मांग उन औरतों में बहुत ज्यादा है जिनके पास घर में कोई काम-धंधा नहीं हैं और जो छल-कपट का सहारा लेकर दूसरों की लकीर छोटी कर अपनी लकीर बड़ी करने की कोशिश करती रहती हैं। वे ही इसकी खरीदार हैं।
तभी महात्मा की नींद खुल गई।
इस सपने में उनके कई प्रश्नों का उत्तर उन्हें मिल गया। सही अर्थों में कहें तो वह व्यापारी स्वयं शैतान था, जो संसार में बुराइयाँ फैला रहा था। और उसके शिकार कमजोर मानसिकता के स्वार्थी लोग बनते हैं।
शैतान का शिकार बनने से बचने का एक ही उपाय है कि…ईश्वर पर सच्ची आस्था रखते हुए अपने मन को ईश्वर का मंदिर बनाने का प्रयत्न किया जाय।
*ईश्वर को इससे मतलब नहीं कि कौन मंदिर गया, या किसने कितने वक्त तक पूजा की,पर उन्हें इससे अवश्य मतलब होगा कि किसने अपने किन अवगुणों का त्याग कर किन गुणों का अपने जीवन में समावेश किया ,और उसके रचे संसार को कितना सजाया-संवारा..!!*