*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- समर्पण में ही सफलता है*
*आज का पञ्चांग*
*दिनाँक:-02/03/2024, शनिवार*
*षष्ठी, कृष्ण पक्ष,*
*फाल्गुन*
(समाप्ति काल)
तिथि————- षष्ठी 07:53:11 तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र——— विशाखा 14:41:11
योग———–व्याघात 18:04:55
करण———– वणिज 07:53:11
करण——- विष्टि भद्र 20:24:16
वार———————- शनिवार
माह———————- फाल्गुन
चन्द्र राशि——- तुला 08:16:18
चन्द्र राशि—————– वृश्चिक
सूर्य राशि——————- कुम्भ
रितु————————- वसंत
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर——————- शोभकृत
संवत्सर (उत्तर) ——————-पिंगल
विक्रम संवत—————- 2080
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत——————-1945
कलि संवत—————– 5124
सूर्योदय————— 06:43:33
सूर्यास्त————— 18:19:15
दिन काल————- 11:35:41
रात्री काल————- 12:23:17
चंद्रास्त————— 10:15:59
चंद्रोदय—————- 24:28:58
लग्न—-कुम्भ 17°45′ , 317°45′
सूर्य नक्षत्र————— शतभिषा
चन्द्र नक्षत्र————— विशाखा
नक्षत्र पाया——————- रजत
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
ते—-विशाखा 08:16:18
तो—- विशाखा 14:41:11
ना—- अनुराधा 21:03:30
नी—- अनुराधा 27:23:08
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= कुम्भ 17:10, शतभिषा 4 सू
चन्द्र=तुला 29:30 , विशाखा 3 ते
बुध =कुम्भ 20:53′ पू oभा o 1 से
शु क्र= मकर 23°05, धनिष्ठा ‘ 1 गा
मंगल=मकर 17°30 ‘ श्रवण’ 3 खे
गुरु=मेष 17°30 भरणी , 2 लू
शनि=कुम्भ 15°50 ‘ शतभिषा ,3 सी
राहू=(व) मीन 23°30 रेवती , 3 च
केतु=(व) कन्या 23°30 चित्रा , 1 पे
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 09:37 – 11:04 अशुभ
यम घंटा 13:58 – 15:25 अशुभ
गुली काल 06:44 – 08: 11अशुभ
अभिजित 12:08 – 12:55 शुभ
दूर मुहूर्त 08:16 – 09:03 अशुभ
वर्ज्यम 18:56 – 20:38 अशुभ
💮चोघडिया, दिन
काल 06:44 – 08:11 अशुभ
शुभ 08:11 – 09:37 शुभ
रोग 09:37 – 11:04 अशुभ
उद्वेग 11:04 – 12:31 अशुभ
चर 12:31 – 13:58 शुभ
लाभ 13:58 – 15:25 शुभ
अमृत 15:25 – 16:52 शुभ
काल 16:52 – 18:19 अशुभ
🚩चोघडिया, रात
लाभ 18:19 – 19:52 शुभ
उद्वेग 19:52 – 21:25 अशुभ
शुभ 21:25 – 22:58 शुभ
अमृत 22:58 – 24:31* शुभ
चर 24:31* – 26:04* शुभ
रोग 26:04* – 27:37* अशुभ
काल 27:37* – 29:10* अशुभ
लाभ 29:10* – 30:43* शुभ
💮होरा, दिन
शनि 06:44 – 07:42
बृहस्पति 07:42 – 08:40
मंगल 08:40 – 09:37
सूर्य 09:37 – 10:35
शुक्र 10:35 – 11:33
बुध 11:33 – 12:31
चन्द्र 12:31 – 13:29
शनि 13:29 – 14:27
बृहस्पति 14:27 – 15:25
मंगल 15:25 – 16:23
सूर्य 16:23 – 17:21
शुक्र 17:21 – 18:19
🚩होरा, रात
बुध 18:19 – 19:21
चन्द्र 19:21 – 20:23
शनि 20:23 – 21:25
बृहस्पति 21:25 – 22:27
मंगल 22:27 – 23:29
सूर्य 23:29 – 24:31
शुक्र 24:31* – 25:33
बुध 25:33* – 26:35
चन्द्र 26:35* – 27:37
शनि 27:37* – 28:39
बृहस्पति 28:39* – 29:41
मंगल 29:41* – 30:43
*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
कुम्भ > 04:52 से 06:28 तक
मीन > 06:28 से 07:48 तक
मेष > 07: 48 से 09:40 तक
वृषभ > 09:40 से 11:34 तक
मिथुन > 11:34 से 13:46 तक
कर्क > 13:46 से 16:10 तक
सिंह > 16:10 से 18:18 तक
कन्या > 18:18 से 20:34 तक
तुला > 20:34 से 22:30 तक
वृश्चिक > 22:34 से 00:50 तक
धनु > 00:50 से 03:00 तक
मकर > 03:00 से 04:46 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 5 + 7 + 1 = 28 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
गुरु ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
21+ 21+ 5 = 47 ÷ 7 = 5 शेष
ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
प्रातः 7:53 से 20:19 तक
पाताल लोक =धनलाभ कारक
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*मास प्रथम शनिवार*
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
*सुखार्थी चेत्यजेद्विद्यां विद्यार्थी चेत्त्यजेत्सुखम् ।
सुखार्थीनः कुतो विद्या सुखं विद्यार्थिनः कुतः ।।
।। चा o नी o।।
जिसे अपने इन्द्रियों की तुष्टि चाहिए, वह विद्या अर्जन करने के सभी विचार भूल जाए. और जिसे ज्ञान चाहिए वह अपने इन्द्रियों की तुष्टि भूल जाये. जो इन्द्रिय विषयों में लगा है उसे ज्ञान कैसा, और जिसे ज्ञान है वह व्यर्थ की इन्द्रिय तुष्टि में लगा रहे यह संभव नहीं.
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: ज्ञानकर्मसन्यास योग अo-04
अजोऽपि सन्नव्ययात्मा भूतानामीश्वरोऽपि सन् ।,
प्रकृतिं स्वामधिष्ठाय सम्भवाम्यात्ममायया ॥,
भावार्थ : मैं अजन्मा और अविनाशीस्वरूप होते हुए भी तथा समस्त प्राणियों का ईश्वर होते हुए भी अपनी प्रकृति को अधीन करके अपनी योगमाया से प्रकट होता हूँ॥,6॥,
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
मानसिक शांति के लिए किए गए प्रयास सफल रहेंगे। कोर्ट-कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। प्रसन्नता रहेगी। किसी धार्मिक यात्रा की योजना बनेगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा।
🐂वृष
वाहन व मशीनरी इत्यादि के प्रयोग में लापरवाही न करें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यापार ठीक चलेगा।
👫मिथुन
कार्यक्षेत्र के लिए नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। बिगड़े काम बन सकते हैं। समाजसेवा करने का मन बनेगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। व्यस्तता रहेगी। आराम का समय नहीं मिलेगा। थकान रहेगी।
🦀कर्क
व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे।
🐅सिंह
समाजसेवा करने की प्रेरणा प्राप्त होगी। मान-सम्मान मिलेगा। खोई हुई वस्तु मिलने के योग हैं। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।
🙍♀️कन्या
शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। कारोबार अच्छा चलेगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। किसी आनंदोत्सव में भाग ले सकते हैं। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी।
⚖️तुला
किसी तरह से बड़ा लाभ होने की संभावना है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। किसी तरह के विवाद में विजय प्राप्त होगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में नया कार्य मिल सकता है।
🦂वृश्चिक
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। थकान व कमजोरी रह सकती है। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। दूसरों से अधिक अपेक्षा न करें। बेवजह चिड़चिड़ापन रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। कार्य में मन नहीं लगेगा।
🏹धनु
भावना में बहकर महत्वपूर्ण निर्णय न लें। नौकरी में कार्यभार रहेगा। लाभ होगा। स्वास्थ्य के संबंध में लापरवाही न करें। स्वास्थ्य पर व्यय होगा। दु:खद समाचार मिल सकता है। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। कुसंगति से हानि होगी।
🐊मकर
मनपसंद व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग अपने कार्य उत्साह व लगन से कर पाएगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। धन प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। प्रमाद न करें।
🍯कुंभ
घर, दुकान, फैक्टरी व शोरूम इत्यादि के खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। कारोबार में बड़ा लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। रुके काम बनेंगे। घर-बाहर उत्साह व प्रसन्नता से काम कर पाएंगे।
🐟मीन
प्रसन्नता का वातावरण निर्मित होगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में मातहत साथ देंगे।
*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*
*💐समर्पण में ही सफलता है।💐*
पुराने समय की बात है। एक ब्रह्मचारी ने कई विद्याओं का अध्ययन पूर्ण कर लिया था। अब वह आत्म विद्या का ज्ञान प्राप्त करना चाहता था।
अपनी इस इच्छा की पूर्ति के लिए वह एक प्रसिद्ध ऋषि के आश्रम में पहुंचा। ऋषि ने उसे आश्रम में रहने की आज्ञा दे दी। उसे वहां कई तरह के सेवा कार्य करने को दिए गए। ब्रह्मचारी को वहां सेवा करते-करते कई दिन बीत गए। किन्तु उसका अध्ययन आरंभ नहीं हुआ। इससे उसके मन में कई तरह की शंकाएं पैदा होने लगीं।
कहां तो वह सर्वोच्च कही जाने वाली आत्मविद्या प्राप्त करने आया था और यहां, सांसारिक कार्यों के झमेले में पड़ गया था। एक दिन जब वह घड़ा लेकर पानी भरने तालाब पर पहुंचा, तो गुस्से और संताप में जल रहा था।
उसने जोर से घड़ा रेत पर पटका और वहीं बैठ गया। तभी घड़े से आवाज आई, ‘तुम इतना क्रोध और उतावलापन क्यों दिखाते हो? गुरु ने यदि तुम्हें शरण दी है तो निश्चित ही देर-सवेर है तुम्हारी मनोकामना भी पूर्ण होगी। यह सुनकर ब्रह्मचारी बोला, ‘मैं यहां दुनियादारी के काम करने नहीं, आत्मविद्या प्राप्त करने आया हूं।
मगर यहां तो मेरा समय दूसरों की सेवा में ही गुजर जाता है।
इस पर घड़े ने कहा, “सुनो मित्र, मैं पहले सिर्फ एक मिट्टी का डला था। पहले कुम्हार ने मुझे ने लेकर कूटा, गलाया और कुछ दिनों तक अपने पैरों तले भी रौदा। इसके बाद उसने मुझे आकार दिया, भट्टी में तपाया।
इस सबकी बदौलत आज में तुम्हारे सामने इस रूप में मौजूद हूं। यदि तुम भी आगे बढ़ना चाहते हो, तो परेशानियों से घबराना नहीं। बस अपने कर्म में लगे रहना।’ यह सुनकर ब्रह्मचारी का गुस्सा व संताप दूर हो गया। उसने संकल्प लिया कि वह गुरु के आदेश पर पूरे समर्पण भाव से चलेगा। उसके आचरण में आए इस बदलाव को ऋषि ने भी पहचान लिया।
चूंकि आत्मविद्या बुद्धि का विषय न होकर अनुभूति का विषय है। लिहाजा शिष्य द्वारा सच्चा समर्पण का पाठ सीखने के बाद ही उसकी शिक्षा आरंभ हुई और आगे चलकर वह एक प्रसिद्ध आत्म तत्त्ववेत्ता ऋषि बना।
*💐💐सीख💐💐*
विपत्तियों से न घबराएं। पूर्ण समर्पण से कार्य करें। सफलता अवश्य मिलेगी।
*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।