उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- नेक नियत।


*आज का पञ्चांग*

*दिनांक:- 19/09/2024, गुरुवार*
द्वितीया, कृष्ण पक्ष,
आश्विन
(समाप्ति काल)

तिथि——– द्वितीया 24:39:18 तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र—उत्तरा भाद्रपदा 08:03:13
नक्षत्र———– रेवती 29:14:05
योग————- वृद्वि 19:17:28
करण————तैतुल 14:27:46
करण————– गर 24:39:18
वार———————- गुरूवार
माह———————- आश्विन
चन्द्र राशि—– मीन 29:14:05
चन्द्र राशि—————– मेष
सूर्य राशि—————– कन्या
रितु————————- शरद
आयन—————–दक्षिणायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर)———— कालयुक्त
विक्रम संवत————– 2081
गुजराती संवत———— 2080
शक संवत—————- 1946
कलि संवत—————- 5125
सूर्योदय————–06:07:31
सूर्यास्त—————- 18:17:43
दिन काल————-12:10:12
रात्री काल————- 11:50:14
चंद्रास्त————– 07:12:00
चंद्रोदय—————- 19:10:59
लग्न—- कन्या 2°22′ , 152°22′
सूर्य नक्षत्र——– उत्तरा फाल्गुनी
चन्द्र नक्षत्र——— उत्तरा भाद्रपदा
नक्षत्र पाया——————- ताम्र

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

ञ—- उत्तरा भाद्रपदा 08:03:13

दे—- रेवती 13:19:53

दो—- रेवती 18:37:09

च—- रेवती 23:55:10

ची—- रेवती 29:14:05

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= कन्या 02°05, उ oफाo 2 टो
चन्द्र= मीन 15°30 , उ o भा o 4 ञ
बुध =सिंह 22°53′ पू o फाo 3 टी
शु क्र= तुला 00°05, चित्रा’ 3 रा
मंगल=मिथुन 14°30 ‘ आर्द्रा ‘ 3 ड
गुरु=वृषभ 26°30 मृगशिरा , 1 वे
शनि=कुम्भ 21°50 ‘ पू o भा o ,1 से
राहू=(व) मीन 12°50 उo भा o, 3 झ
केतु= (व)कन्या 12°50 हस्त 1 पू

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 13:44 – 15:15 अशुभ
यम घंटा 06:08 – 07:39 अशुभ
गुली काल 09:10 – 10: 41अशुभ
अभिजित 11:48 – 12:37 शुभ
दूर मुहूर्त 10:11 – 10:59 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:03 – 15:52 अशुभ
वर्ज्यम 18:37 – 20:02 अशुभ
प्रदोष 18:18 – 20:42. शुभ

💮गंड मूल 08:03 – अहोरात्र अशुभ

🚩पंचक 06:08 – 28:55* अशुभ

💮चोघडिया, दिन
शुभ 06:08 – 07:39 शुभ
रोग 07:39 – 09:10 अशुभ
उद्वेग 09:10 – 10:41 अशुभ
चर 10:41 – 12:13 शुभ
लाभ 12:13 – 13:44 शुभ
अमृत 13:44 – 15:15 शुभ
काल 15:15 – 16:46 अशुभ
शुभ 16:46 – 18:18 शुभ

🚩चोघडिया, रात
अमृत 18:18 – 19:47 शुभ
चर 19:47 – 21:15 शुभ
रोग 21:15 – 22:44 अशुभ
काल 22:44 – 24:13* अशुभ
लाभ 24:13* – 25:42* शुभ
उद्वेग 25:42* – 27:10* अशुभ
शुभ 27:10* – 28:39* शुभ
अमृत 28:39* – 30:08* शुभ

💮होरा, दिन
बृहस्पति 06:08 – 07:08
मंगल 07:08 – 08:09
सूर्य 08:09 – 09:10
शुक्र 09:10 – 10:11
बुध 10:11 – 11:12
चन्द्र 11:12 – 12:13
शनि 12:13 – 13:13
बृहस्पति 13:13 – 14:14
मंगल 14:14 – 15:15
सूर्य 15:15 – 16:16
शुक्र 16:16 – 17:17
बुध 17:17 – 18:18

🚩होरा, रात
चन्द्र 18:18 – 19:17
शनि 19:17 – 20:16
बृहस्पति 20:16 – 21:15
मंगल 21:15 – 22:14
सूर्य 22:14 – 23:14
शुक्र 23:14 – 24:13
बुध 24:13* – 25:12
चन्द्र 25:12* – 26:11
शनि 26:11* – 27:10
बृहस्पति 27:10* – 28:10
मंगल 28:10* – 29:09
सूर्य 29:09* – 30:08

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

कन्या > 05:04 से 07:18 तक
तुला > 07:18 से 09: 26 तक
वृश्चिक > 09:26 से 11:52 तक
धनु > 11:52 से 14:02 तक
मकर > 14:02 से 16:56 तक
कुम्भ > 16:56 से 17:22 तक
मीन > 17:22 से 18:54 तक
मेष > 18:54 से 20:18 तक
वृषभ > 20:18 से 22:26 तक
मिथुन > 22:26 से 00:38 तक
कर्क > 00:38 से 03:08 तक
सिंह > 03:38 से 05:10 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 2 + 5 + 1 = 23 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

चन्द्र ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

*श्रावणेऽधिकमासे च आर्द्रायाश्च गते रवौ ।*
*शिव मेन्दु गते योगे, शुक्ले च व्यतिपातके ।।*

*हरानङ्‌गहीणाञ्च तिथिषु करणे चतुष्पदे ।*
*सोमवारे शुभे ब्रह्मे प्रदोषाख्ये अभिजित्क्षणे ।।*

*शिवरात्रादि पर्वेषु उत्सर्वेषु निमित्तके।*
*नित्य आराधना काले च शिववास न चिन्तयेत् ।।*

*।। निर्णय सिंधु,शिव महापुराण,नारद संहिता।।*

17 + 17 + 5 = 39 ÷ 7 = 4 शेष

सभायां = संताप कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*द्वितीया श्राद्ध

*सर्वार्थ सिद्धि योग 08:03 से

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

गुरुरग्निर्द्वि जातीनां वर्णानां ब्राह्मणो गुरुः ।
पतिरेव गुरुः स्त्रीणां सर्वस्याभ्यागतो गुरुः ।।
।। चा o नी o।।

ब्राह्मणों को अग्नि की पूजा करनी चाहिए . दुसरे लोगों को ब्राह्मण की पूजा करनी चाहिए . पत्नी को पति की पूजा करनी चाहिए तथा दोपहर के भोजन के लिए जो अतिथि आये उसकी सभी को पूजा करनी चाहिए .

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: विभूतियोग अo-10

एतां विभूतिं योगं च मम यो वेत्ति तत्त्वतः ।,
सोऽविकम्पेन योगेन युज्यते नात्र संशयः ॥,

जो पुरुष मेरी इस परमैश्वर्यरूप विभूति को और योगशक्ति को तत्त्व से जानता है (जो कुछ दृश्यमात्र संसार है वह सब भगवान की माया है और एक वासुदेव भगवान ही सर्वत्र परिपूर्ण है, यह जानना ही तत्व से जानना है), वह निश्चल भक्तियोग से युक्त हो जाता है- इसमें कुछ भी संशय नहीं है॥,7॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। मातहतों का सहयोग मिलेगा। किसी सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। दूसरे के काम में दखल न दें। पूजा-पाठ व सत्संग में मन लगेगा। आत्मशांति रहेगी। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे।

🐂वृष
व्यवसाय ठीक चलेगा। मित्र व संबंधी सहायता करेंगे। आय बनी रहेगी। जोखिम न लें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। विवाद को बढ़ावा न दें। पुराना रोग बाधा का कारण रहेगा। स्वास्थ्य पर खर्च होगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। छोटी सी गलती से समस्या बढ़ सकती है।

👫मिथुन
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ के योग हैं। भाग्य का साथ मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। जुए, सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें। निवेश शुभ रहेगा। प्रमाद न करें। उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा।

🦀कर्क
जोखिम व जमानत के कार्य टालें। जल्दबाजी न करें। घर-बाहर अशांति रहेगी। कार्य में रुकावट होगी। आय में कमी तथा नौकरी में कार्यभार रहेगा। बेवजह लोगों से कहासुनी हो सकती है। दु:खद समाचार मिलने से नकारात्मकता बढ़ेगी। व्यवसाय से संतुष्टि नहीं रहेगी। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं।

🐅सिंह
मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। कर्ज में कमी होगी। संतुष्टि रहेगी। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। अपना प्रभाव बढ़ा पाएंगे। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य न करें। प्रयास सफल रहेंगे। किसी बड़े कार्य की समस्याएं दूर होंगी।

🙍‍♀️कन्या
पार्टनरों का सहयोग समय पर मिलने से प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। व्यवसाय ठीक-ठीक चलेगा। आय में वृद्धि होगी। चोट व रोग से बाधा संभव है। दूसरों के काम में दखलंदाजी न करें। स्थायी संपत्ति की खरीद-फरोख्त से बड़ा लाभ हो सकता है। प्रतिद्वंद्विता रहेगी।

⚖️तुला
घर-बाहर स्थिति मनोनुकूल रहेगी। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। वस्तुएं संभालकर रखें। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। व्यवसाय में जल्दबाजी से काम न करें। चोट व दुर्घटना से बचें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे।

🦂वृश्चिक
जीवनसाथी के साथ अच्छा समय बीतेगा। व्यवसाय में वृद्धि होगी। नौकरी में सुकून रहेगा। निवेश लाभप्रद रहेगा। कार्य बनेंगे। घर-बाहर सुख-शांति बने रहेंगे। मन की चंचलता पर नियंत्रण रखें। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल रहेगी। जल्दबाजी में धनहानि हो सकती है।

🏹धनु
मित्रों के साथ समय अच्‍छा व्यतीत होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। पार्टी व पिकनिक की योजना बनेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी।

🐊मकर
आय में निश्चितता रहेगी। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। व्यवस्था नहीं होने से परेशानी रहेगी। व्यवसाय में कमी होगी। नौकरी में नोकझोंक हो सकती है। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। थकान महसूस होगी। अपेक्षित कार्यों में विघ्न आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे।

🍯कुंभ
व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। धनार्जन होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। अज्ञात भय व चिंता रहेंगे। यात्रा सफल रहेगी। नेत्र पीड़ा हो सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। बगैर मांगे किसी को सलाह न दें। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे।

🐟मीन
प्रतिष्ठा वृद्धि होगी। सुख के साधन जुटेंगे। नौकरी में वर्चस्व स्थापित होगा। आय के स्रोत बढ़ सकते हैं। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। घर-बाहर सहयोग व प्रसन्नता में वृद्धि होगी। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामजिक कार्य करने की इच्छा जागृत होगी।

*आपका दिन मंगलमय हो*

*नेक नियत*

सोहनलाल एक गॉव में फलों की ठेली लगाता था। वह खेतों से ताजा फल खरीद कर लाता था इस लिए उसके फल बहुत जल्दि बिक जाते थे।
एक दिन एक सेठ जी सोहनलाल के पास आये

सेठ जी: अरे भाई सोहनलाल तुम्हारे फल तो फटाफट बिक जाते हैं। लेकिन इस गॉव में सस्ते फल बेच कर तुम्हें कम बचत होती होगी मैं गॉव से फल लेकर शहर जाकर बेचता हूं तो ज्यादा मुनाफा होता है।

सोहनलाल: वह तो ठीक है सेठ जी लेकिन वहां पहुंचते पहुंचते बहुत से फल सड़ जाते होंगे।

सेठ जी: अरे शहर में सब बिक जाता है कोई नहीं पूछता उन्हें क्या पता ताजे फलों के बारे में वहां तो सड़े फलों के भी पूरे दाम मिल जाते हैं। तू भी शहर में अपनी दुकान लगा ले।

सोहनलाल: नहीं सेठ जी मैं तो यहीं खुश हूं। मैं किसी को सड़े फल नहीं खिला सकता।

अगले दिन सेठ जी शहर वापस चले जाते हैं और सोहनलाल अपने फल बेचने में व्यस्त हो जाता है।

एक दिन सोहन लाल फल बेच रहा था। तभी उसने देखा एक पेड़ के नीचे एक बुढ़िया माई बैठी है। वे काफी कमजोर थी और उनसे ठीक से बैठा भी नहीं जा रहा था। कुछ देर बाद बुढ़िया माई वहीं लेट गई।

सोहनलाल उनके पास और बोला: मांजी आप ऐसे क्यों लेटे हो आपकी तबियत तो ठीक है।

बुढ़िया माई: बेटा मेरी तबियत ठीक नहीं है। मैं बहुत बीमार हूं मेरा बेटा बहू शहर गये हैं मैं यहां अकेली रहती हूं। तबियत ठीक नहीं होने के कारण खाना नहीं बना पाती। आज वैद्यजी से दवा लाई हूं उन्होंने कहा कि खाना खाने के बाद दवाई खाना। लेकिन मुझमें इतनी ताकत नहीं कि मैं अपने लिए खाना बना सकूं यही सोच कर कुछ देर इस पेड़ के नीचे बैठ गई।

सोहन लाल: अरे मांजी आप क्यों चिन्ता करती हो मैं अभी आपके लिए ताजे फल लाता हूं

यह कहकर सोहनलाल मांजी को फल लाकर देता है। फल खाकर मांजी अपने घर जाने के लिए चल देती हैं। सोहनलाल उन्हें पकड़ कर घर छोड़ देता है।

सोहनलाल: मांजी मैं रोज आपको घर पर ही फल दे जाया करूंगा जब तक आप ठीक नहीं हो जाती खाना मत बनाईयेगा।

बुढ़िया माई: लेकिन बेटा मेरे पास तो इतने पैसे नहीं हैं जो मैं तेरे फलों को मोल दे सकूं।

सोहनलाल: मांजी मुझे आपसे कुछ नहीं चाहिए। आप पैसों की चिन्ता न करें।

अगले दिन से सोहनलाल बुढ़िया माई के घर ताजे फल पहुंचाने लगा। धीरे धीरे बुढ़िया माई ठीक हो गई।

एक दिन सोहनलाल फल बेच रहा था तभी उनके पास एक औरत आई और उसने कहा: भैया मेरे पति बहुत बीमार हैं। डॉक्टर के कहने पर मैं उन्हें शहर से गॉव लाई हूं हम सामने वाले घर में रहते हैं तुम रोज सुबह ताजे फल हमारे घर भिजवा देना।

अगले दिन सोहनलाल फल लेकर उनके घर पहुंच गया।

सोहन लाल: बहनजी फल लेलो, फल लेलो फल

लेकिन उसकी आवाज सुनकर कोई नहीं आया। सोहन लाल ने कई बार आवाज दी जब कोई नहीं आया तो वह फल लेकर घर के अन्दर चला गया।

अन्दर जाकर उसने देखा एक आदमी बिस्तर पर लेटा था।

सोहनलाल: भाई साहब मैं आपके लिए फल लाया हूं बहनजी ने कल मुझसे फल पहंुचाने के लिए कहा था।

यह कहकर वह बिस्तर के पास गया वहां पहुंच कर उसने देखा कि यह तो वहीं सेठ जी हैं जिनकी शहर में फलों की बड़ी सी दुकान थी।

सोहनलाल: अरे सेठ जी आप यहां कैसे आप की तो शहर में फलों की दुकान थी।

सेठ जी: भाई मैं अब सेठ नहीं रहा शहर में मैंने ज्यादा पैसों के लालच में फलों पर कैमिकल लगाना शुरू कर दिया। उन फलों को खाकर एक लड़का मर गया उसके घर वालों ने मेरी दुकान में आग लगा दी। इसी सदमें से मैं बीमार पड़ गया वहां शहर में कई लोग मेरी तलाश कर रहे हैं किसी तरह छुपते छुपाते मैं इस गॉव में आ गया। तुम्हें कल मेरी पत्नि ने फल देने के लिए कहा होगा। लेकिन मैं यह फल नहीं ले सकता मेरे पास पैसे नहीं हैं।

सोहनलाल: सेठ जी पैसों के लालच में आपने सड़े फल लोगों को खिला दिये अब न आपके पास सेहत रही न पैसा। मैं इमानदारी से ताजे फल बेचता हूं और मजे मैं रहता हूं।

उसकी बात सुनकर सेठ जी रोने लगे।

सोहनलाल: सेठ जी आप चिन्ता न करें मैं रोज आपको ताजे फल दे जाया करूंगा आप जल्दि ही ठीक हो जायेंगे।

अगले दिन से सोहनलाल सेठ जी के घर फल पहुंचाने लगा। कुछ दिनों में सेठ जी ठीक हो गये। सेठ जी ने सोहनलाल के साथ वहीं छोटी सी फलों की दुकान खोल ली और ताजे फल बेचने लगे।

कुछ दिनों बाद सोहनलाल की दुकान पर वही बुढ़िया माई आई उनके साथ उनका बेटा भी था। उसने आते ही सोहनलाल के पैर छुये और कहा

भैया आपने मेरी मॉं की जान बचाई मैं आपका अहसान कभी नहीं भूल सकता। मैं इसी जिले में कलैक्टर बन कर आया हूं। यदि आपको कोई भी परेशानी हो तो मुझे अवश्य बताईयेगा।

यह सुनकर सोहनलाल बहुत खुश हुआ। उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि जिले का कलैक्टर उसे जैसे मामूली आदमी के पैर छू रहा था।

सोहनलाल की दरियादिली ने सबका दिल जीत लिया था।

Devbhumi jknews

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