उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- शब्दों में क्या रखा है*


*आज का पञ्चांग*

*दिनांक:- 23/09/2024, सोमवार*
*षष्ठी, कृष्ण पक्ष,*
*आश्विन*
(समाप्ति काल)

तिथि —————–षष्ठी 13:49:48 तक
पक्ष————————-कृष्ण
नक्षत्र——— रोहिणी 22:06:20
योग———– सिद्वि 27:08:41
करण——— वणिज 13:49:48
करण—– विष्टि भद्र 25:08:39
वार——————– सोमवार
माह——————– आश्विन
चन्द्र राशि————— वृषभ
सूर्य राशि————— कन्या
रितु———————- शरद
आयन————— दक्षिणायण
संवत्सर——————- क्रोधी
संवत्सर (उत्तर) ————कालयुक्त
विक्रम संवत————– 2081
गुजराती संवत———— 2080
शक संवत—————- 1946
कलि संवत————— 5125
सूर्योदय————– 06:09:21
सूर्यास्त————– 18:13:04
दिन काल———— 12:03:43
रात्री काल————11:56:44
चंद्रास्त————– 11:47:53
चंद्रोदय—————22:06:48
लग्न—- कन्या 6°17′ , 156°17′
सूर्य नक्षत्र——– उत्तरा फाल्गुनी
चन्द्र नक्षत्र—————- रोहिणी
नक्षत्र पाया—————— लोहा

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

वा—- रोहिणी 10:28:47

वी—- रोहिणी 16:16:16

वु—- रोहिणी 22:06:20

वे—- मृगशिरा 27:59:02

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= कन्या 06°05, उ oफाo 3 पा
चन्द्र= वृषभ 14°30 , रोहिणी 2 वा
बुध =सिंह 29°53′ उ o फाo 1 टे
शु क्र= तुला 04°05, चित्रा’ 4 री
मंगल=मिथुन 16°30 ‘ आर्द्रा ‘ 3 ड
गुरु=वृषभ 26°30 मृगशिरा , 2 वो
शनि=कुम्भ 20°50 ‘ पू o भा o ,1 से
राहू=(व) मीन 12°40 उo भा o, 3 झ
केतु= (व)कन्या 12°40 हस्त 1 पू

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*

राहू काल 07:40 – 09:10 अशुभ
यम घंटा 10:41 – 12:11 अशुभ
गुली काल 13:42 – 15: 12अशुभ
अभिजित 11:47 – 12:35 शुभ
दूर मुहूर्त 12:35 – 13:24 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:00 – 15:48 अशुभ
वर्ज्यम 14:20 – 15:53 अशुभ
प्रदोष 18:13 – 20:38. शुभ

💮चोघडिया, दिन
अमृत 06:09 – 07:40 शुभ
काल 07:40 – 09:10 अशुभ
शुभ 09:10 – 10:41 शुभ
रोग 10:41 – 12:11 अशुभ
उद्वेग 12:11 – 13:42 अशुभ
चर 13:42 – 15:12 शुभ
लाभ 15:12 – 16:43 शुभ
अमृत 16:43 – 18:13 शुभ

🚩चोघडिया, रात
चर 18:13 – 19:43 शुभ
रोग 19:43 – 21:12 अशुभ
काल 21:12 – 22:42 अशुभ
लाभ 22:42 – 24:11* शुभ
उद्वेग 24:11* – 25:41* अशुभ
शुभ 25:41* – 27:11* शुभ
अमृत 27:11* – 28:40* शुभ
चर 28:40* – 30:10* शुभ

💮होरा, दिन
चन्द्र 06:09 – 07:10
शनि 07:10 – 08:10
बृहस्पति 08:10 – 09:10
मंगल 09:10 – 10:11
सूर्य 10:11 – 11:11
शुक्र 11:11 – 12:11
बुध 12:11 – 13:12
चन्द्र 13:12 – 14:12
शनि 14:12 – 15:12
बृहस्पति 15:12 – 16:12
मंगल 16:12 – 17:13
सूर्य 17:13 – 18:13

🚩होरा, रात
शुक्र 18:13 – 19:13
बुध 19:13 – 20:13
चन्द्र 20:13 – 21:12
शनि 21:12 – 22:12
बृहस्पति 22:12 – 23:12
मंगल 23:12 – 24:11
सूर्य 24:11* – 25:11
शुक्र 25:11* – 26:11
बुध 26:11* – 27:11
चन्द्र 27:11* – 28:10
शनि 28:10* – 29:10
बृहस्पति 29:10* – 30:10

*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

कन्या > 04:48 से 07:02 तक
तुला > 07:02 से 09: 10 तक
वृश्चिक > 09:10 से 11:36 तक
धनु > 11:36 से 13:46 तक
मकर > 13:46 से 16:40 तक
कुम्भ > 16:40 से 17:06 तक
मीन > 17:06 से 18:38 तक
मेष > 18:38 से 20:02 तक
वृषभ > 20:02 से 22:10 तक
मिथुन > 22:10 से 00:22 तक
कर्क > 00:22 से 02:52 तक
सिंह > 02:52 से 04:58 तक

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 6 + 2 + 1 = 24 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

गुरु ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

21 + 21 + 5 = 47 ÷ 7 = 5 शेष

ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

दोपहर 14:50 से रात्रि 25:14

स्वर्ग लोक = शुभ कारक

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*षष्ठी श्राद्ध*

*रोहिणी व्रत*

*सर्वार्थ सिद्धि योग 22:06 से*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

निःस्पृहो नाधिकारी स्यान्नाकामो मण्डनप्रियः ।
नाऽविदग्धः प्रियंब्रूयात् स्पष्टवक्ता न वञ्चकः ।।
।। चा o नी o।।

वह व्यक्ति जिसके हाथ स्वच्छ है कार्यालय में काम नहीं करना चाहता. जिस ने अपनी कामना को ख़तम कर दिया है, वह शारीरिक शृंगार नहीं करता, जो आधा पढ़ा हुआ व्यक्ति है वो मीठे बोल बोल नहीं सकता. जो सीधी बात करता है वह धोका नहीं दे सकती।

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: विभूतियोग अo-10

तेषामेवानुकम्पार्थमहमज्ञानजं तमः।,
नाशयाम्यात्मभावस्थो ज्ञानदीपेन भास्वता ॥,

हे अर्जुन! उनके ऊपर अनुग्रह करने के लिए उनके अंतःकरण में स्थित हुआ मैं स्वयं ही उनके अज्ञानजनित अंधकार को प्रकाशमय तत्त्वज्ञानरूप दीपक के द्वारा नष्ट कर देता हूँ॥,11॥,

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
प्रसन्नता रहेगी। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। नौकरी में अधिकार बढ़ेंगे। आय में वृद्धि होगी। सुख के साधनों पर व्यय होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। प्रमाद न करें। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। योजना फलीभूत होगी। किसी बड़ी समस्या का हल एकाएक हो सकता है।

🐂वृष
रुके कार्यों में गति आएगी। तंत्र-मंत्र में रुचि बढ़ेगी। सत्संग का लाभ मिलेगा। कानूनी सहयोग मिलेगा। लाभ में वृद्धि होगी। शेयर मार्केट से लाभ होगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। व्यापार में वृद्धि होगी। भाग्य का साथ रहेगा। थकान महसूस हो सकती है। आलस्य हावी रहेगा।

👫मिथुन
व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। ऐश्वर्य के साधनों पर व्यय होगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। मित्रों तथा पारिवारिक सदस्यों के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा। शत्रुओं का पराभव होगा। प्रमाद न करें।

🦀कर्क
प्रसन्नता रहेगी। भाग्य अनुकूल है। लाभ लें। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। यात्रा लाभदायक रहेगी। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। रोजगार प्राप्ति होगी। किसी बड़ी समस्या का हल निकलेगा। प्रमाद न करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

🐅सिंह
लाभ होगा। लाभ में कमी रह सकती है। नौकरी में कार्यभार रहेगा। आलस्य न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। यात्रा में कोई चीज भूलें नहीं। फालतू खर्च होगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। लापरवाही न करें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। विवेक का प्रयोग करें।

🙍‍♀️कन्या
व्यापार में वृद्धि के योग हैं। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। यात्रा लाभदायक रहेगी। किसी बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। व्यवसाय में अधिक ध्यान देना पड़ेगा। किसी अपने का व्यवहार दु:ख पहुंचाएगा। कानूनी समस्या हो सकती है।

⚖️तुला
आय बनी रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा। नौकरी में सहकर्मी विरोध कर सकते हैं। जोखिम व जमानत के कार्य टालें, धैर्य रखें। चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। जल्दबाजी न करें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। भाइयों से कहासुनी हो सकती है।

🦂वृश्चिक
व्यापार ठीक चलेगा। निवेश में जल्दबाजी न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। पारिवारिक जीवन सुख-शांति से बीतेगा। प्रसन्नता रहेगी। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। शत्रु परास्त होंगे। वाणी पर संयम रखें। अनहोनी की आशंका रहेगी।

🏹धनु
व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। आय बनी रहेगी। दूसरों को कार्य में हस्तक्षेप न करें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। बेवजह दौड़धूप रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। कोई शोक समाचार मिल सकता है। अपेक्षित कार्यों में बाधा उत्पन्न हो सकती है। पार्टनरों से मतभेद संभव है।

🐊मकर
निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। नए काम करने की इच्छा बनेगी। प्रसन्नता रहेगी। सामाजिक कार्य करने का मन बनेगा। मेहनत का फल मिलेगा। मान-सम्मान मिलेगा। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। मनोरंजन का वक्त मिलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।

🍯कुंभ
नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। पिछले लंबे समय से रुके कार्य बनेंगे। प्रसन्नता रहेगी। दूसरों से अपेक्षा न करें। घर-परिवार की चिंता रहेगी। अज्ञात भय सताएगा। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। व्यापार लाभदायक रहेगा। प्रयास करें। कोर्ट व कचहरी में लाभ की स्थिति बनेगी।

🐟मीन
रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यापार अच्‍छा चलेगा। भूमि व भवन संबंधित कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। मातहतों का सहयोग मिलेगा। कर्ज की रकम चुका पाएंगे। प्रतिद्वंद्वी सक्रिय रहेंगे। आलस्य न करें। निवेश शुभ रहेगा।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*शब्दों में क्या रखा है*

एक बार स्वामी विवेकानंद प्रवचन दे रहे थे। उनका विषय था – ” भगवान की नाम की महिमा।” श्रोतागण भाव – विभोर होकर सुन रहे थे। तभी एक व्यक्ति खड़ा हुआ और बोला – ” स्वामी जी ! शब्दों में क्या रखा है ? उन्हें कहने से क्या लाभ वह व्यक्ति अपने को तार्किक समझता था।

स्वामी विवेकानंद ने उसे प्रेम से समझाने की कोशिश की , लेकिन वह व्यक्ति कुतर्क करता रहा। तब अंत में स्वामी जी ने उस व्यक्ति के प्रति अपशब्दों का प्रयोग करते हुए कहा – तुम मूर्ख हो, तुम्हें कोई समझ नहीं है। तुम्हारे जैसे बेवकूफ एवं नालायक ही इस तरह की बातें किया करते हैं। ”

भरी सभा में अपने प्रति यह संबोधन सुनकर वह तार्किक आगबबूला हो गया और स्वामी जी से कहा – आप जैसे महान संन्यासी के मुख में ऐसे वचन शोभा नहीं देते। आपके शब्दों से मुझे बहुत चोट लगी है। ” उस व्यक्ति के कथन को सुनकर स्वामी जी हंसने लगे। सभी लोग आश्चर्यचकित हो गए कि स्वामी जी को क्या हो गया है !

तब स्वामी जी ने हंसते हुए उस व्यक्ति से कहा – बंधु ! मैंने जो कहा , वे तो शब्दमात्र थे। शब्दों में क्या रखा है ? मैंने कोई पत्थर तो तुम्हें नहीं मारे थे , जो तुम इतने क्रोधित हो गए ? उस तार्किक व्यक्ति का क्रोध शांत हो गया और स्वामी जी से क्षमा याचना करने लगा कि प्रवचन देते समय स्वामी जी को उसके द्वारा टोकना उचित नहीं था।

तार्किक व्यक्ति के साथ-साथ उस सभा में उपस्थित सभी श्रोताओं को भी यह समझ में आ गया कि जब अपशब्द क्रोध का कारण बन सकता है , तो प्रिय शब्द आशीर्वाद क्यों नहीं दिलवा सकता ? प्रिय शब्द अंतःकरण में भक्ति के भाव क्यों नहीं जगा सकता ?

इस प्रकार हम देखते हैं कि ” शब्द ” में शक्ति होती है। शब्द एक ओर जहां अंतःकरण में स्थित विकारों को बाहर निकाल सकता है , वहीं दूसरी ओर हृदय में निहित भक्ति भाव को प्रस्फुटित भी कर सकता है। यह यह अपने पर निर्भर करता है कि हम किस प्रकार के शब्दों के नाम का स्मरण करते हैं – विकारों को उत्पन्न करने वाला या भक्ति-भाव को सुदृढ़ करने वाला।

Devbhumi jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *