*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- छोटा सा अंतर*
*आज का पञ्चांग*
*दिनांक:- 29/11/2024, शुक्रवार*
*त्रयोदशी, कृष्ण पक्ष,*
*मार्गशीर्ष*
(समाप्ति काल)
तिथि——— त्रयोदशी 08:39:25 तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र———– स्वाति 10:17:00
योग———— शोभन 16:32:09
करण———- वणिज 08:39:24
करण——- विष्टि भद्र 21:37:53
वार———————- शुक्रवार
माह——————— मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि——- तुला 30:02:06
चन्द्र राशि————- वृश्चिक
सूर्य राशि—————- वृश्चिक
रितु————————- हेमंत
आयन—————- दक्षिणायण
संवत्सर (उत्तर) ————–कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————– 2081
शक संवत——————1946
कलि संवत—————– 5125
सूर्योदय————– 06:52:21
सूर्यास्त————— 17:22:48
दिन काल———— 10:30:27
रात्री काल————- 13:30:18
चंद्रास्त————– 15:53:52
चंद्रोदय————— 29:54:45
लग्न—- वृश्चिक 13°6′ , 223°6′
सूर्य नक्षत्र————— अनुराधा
चन्द्र नक्षत्र—————— स्वाति
नक्षत्र पाया—————— रजत
* पद, चरण
*
ता—- स्वाति 10:17:00
ती—- विशाखा 16:53:41
तू—- विशाखा 23:28:44
ते—- विशाखा 30:02:06
* ग्रह गोचर
*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= वृश्चिक 13°45, अनुराधा 3 नू
चन्द्र=तुला 18°30 , स्वाति 4 ता
बुध =वृश्चिक 27°52 ‘ ज्येष्ठा 4 यू
शु क्र= धनु 26°05, पूoषा०’ 4 ढा
मंगल=कर्क 11°30 ‘ पुष्य ‘ 3 हो
गुरु=वृषभ 23°30 मृगशिरा, 4 वू
शनि=कुम्भ 18°50 ‘ शतभिषा , 4 सू
राहू=(व) मीन 09°07 उo भा o, 2 थ
केतु= (व)कन्या 09°07 उ o फा o 4 पी
* शुभा$शुभ मुहूर्त
*
राहू काल 10:49 – 12:08 अशुभ
यम घंटा 14:45 – 16:04 अशुभ
गुली काल 08:11 – 09: 30अशुभ
अभिजित 11:47 – 12:29 शुभ
दूर मुहूर्त 08:58 – 09:40 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:29 – 13:11 अशुभ
वर्ज्यम 16:27 – 18:13 अशुभ
प्रदोष 17:23 – 20:08 शुभ
चोघडिया, दिन
चर 06:52 – 08:11 शुभ
लाभ 08:11 – 09:30 शुभ
अमृत 09:30 – 10:49 शुभ
काल 10:49 – 12:08 अशुभ
शुभ 12:08 – 13:26 शुभ
रोग 13:26 – 14:45 अशुभ
उद्वेग 14:45 – 16:04 अशुभ
चर 16:04 – 17:23 शुभ
चोघडिया, रात
रोग 17:23 – 19:04 अशुभ
काल 19:04 – 20:45 अशुभ
लाभ 20:45 – 22:27 शुभ
उद्वेग 22:27 – 24:08* अशुभ
शुभ 24:08* – 25:49* शुभ
अमृत 25:49* – 27:31* शुभ
चर 27:31* – 29:12* शुभ
रोग 29:12* – 30:53* अशुभ
होरा, दिन
शुक्र 06:52 – 07:45
बुध 07:45 – 08:37
चन्द्र 08:37 – 09:30
शनि 09:30 – 10:23
बृहस्पति 10:23 – 11:15
मंगल 11:15 – 12:08
सूर्य 12:08 – 13:00
शुक्र 13:00 – 13:53
बुध 13:53 – 14:45
चन्द्र 14:45 – 15:38
शनि 15:38 – 16:30
बृहस्पति 16:30 – 17:23
होरा, रात
मंगल 17:23 – 18:30
सूर्य 18:30 – 19:38
शुक्र 19:38 – 20:45
बुध 20:45 – 21:53
चन्द्र 21:53 – 23:00
शनि 23:00 – 24:08
बृहस्पति 24:08* – 25:15
मंगल 25:15* – 26:23
सूर्य 26:23* – 27:31
शुक्र 27:31* – 28:38
बुध 28:38* – 29:46
चन्द्र 29:46* – 30:53
* उदयलग्न प्रवेशकाल
*
वृश्चिक > 04:52 से 07:20 तक
धनु > 07:20 से 09:32 तक
मकर > 09:32 से 12:20 तक
कुम्भ > 12:20 से 12: 52 तक
मीन > 12:32 से 14:24 तक
मेष > 14:24 से 15:48 तक
वृषभ > 15:48 से 17:52 तक
मिथुन > 17:52 से 20:00 तक
कर्क > 20:00 से 22:32 तक
सिंह > 22:32 से 00:22 तक
कन्या > 00:22 से 02:38 तक
तुला > 02:38 से 04: 48 तक
*विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
* अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 13 + 6 + 1 = 35 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
* ग्रह मुख आहुति ज्ञान
*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
केतु ग्रह मुखहुति
* शिव वास एवं फल -:*
28 + 28 + 5 = 61 ÷ 7 = 5 शेष
ज्ञानवेलायां = शुभ कारक
*भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
प्रातः 08:39 से रात्रि 21:34 तक
पाताल लोक = धनलाभ कारक
* विशेष जानकारी
*
*मास शिवरात्रि*
* शुभ विचार
*
समाने शोभते प्रीतिः राज्ञि सेवा च शोभते ।
वाणिज्यंव्यवहारेषु स्त्री दिव्या शोभते गृहे ।।
।। चा o नी o।।
प्रेम और मित्रता बराबर वालों में अच्छी लगती है, राजा के यहाँ नौकरी करने वाले को ही सम्मान मिलता है, व्यवसायों में वाणिज्य सबसे अच्छा है, अवं उत्तम गुणों वाली स्त्री अपने घर में सुरक्षित रहती है।
* सुभाषितानि
*
गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11
त्वमादिदेवः पुरुषः पुराण
स्त्वमस्य विश्वस्य परं निधानम् ।,
वेत्तासि वेद्यं च परं च धाम
त्वया ततं विश्वमनन्तरूप ।, ।,
आप आदिदेव और सनातन पुरुष हैं, आप इन जगत के परम आश्रय और जानने वाले तथा जानने योग्य और परम धाम हैं।, हे अनन्तरूप! आपसे यह सब जगत व्याप्त अर्थात परिपूर्ण हैं॥,38॥,
* दैनिक राशिफल
*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मेष
धनार्जन सुगम होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता अर्जित करेगा। पठन-पाठन में मन लगेगा। दूर यात्रा की योजना बन सकती है। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। वरिष्ठजनों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। बेचैनी रहेगी।
वृष
रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। सट्टे व लॉटरी से दूर रहें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। कोई बड़ी समस्या से छुटकारा मिल सकता है। आय में वृद्धि होगी। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी।
मिथुन
सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आय के स्रोतों में वृद्धि हो सकती है। व्यवसाय ठीक चलेगा। चोट व रोग से बाधा संभव है। फालतू खर्च होगा। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें। शत्रु नतमस्तक होंगे। विवाद को बढ़ावा न दें। प्रयास सफल रहेंगे।
कर्क
वाणी पर नियंत्रण रखें। किसी के व्यवहार से क्लेश हो सकता है। पुराना रोग उभर सकता है। दु:खद समाचार मिल सकता है, धैर्य रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी। पारिवारिक चिंता में वृद्धि होगी। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलेगी। तनाव रहेगा।
सिंह
लेन-देन में सावधानी रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। परिवार में तनाव रह सकता है। शुभ समाचार मिलेंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। परिवार के साथ मनोरंजन का कार्यक्रम बन सकता है। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें।
कन्या
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय में लाभ होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। बेचैनी रहेगी। थकान महसूस होगी। वरिष्ठजन सहयोग करेंगे।
तुला
तीर्थयात्रा की योजना बनेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। सुख के साधनों पर व्यय हो सकता है। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। प्रमाद न करें। बेचैनी रहेगी। चोट व रोग से बचें। काम का विरोध होगा। तनाव रहेगा। कोर्ट व कचहरी के काम अनुकूल होंगे। पूजा-पाठ में मन लगेगा।
वृश्चिक
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवाद से क्लेश संभव है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। अपेक्षित कार्यों में अप्रत्याशित बाधा आ सकती है। तनाव रहेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। राज्य के प्रतिनिधि सहयोग करेंगे।
धनु
नई आर्थिक नीति बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। कारोबारी अनुबंधों में वृद्धि हो सकती है। समय का लाभ लें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नेत्र पीड़ा हो सकती है। कानूनी बाधा आ सकती है। विवाद न करें।
मकर
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। किसी विवाद में उलझ सकते हैं। चिंता तथा तनाव रहेंगे। जोखिम न उठाएं। घर-बाहर असहयोग मिलेगा। अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होगा। आय में कमी हो सकती है।
कुंभ
धन प्राप्ति सुगम होगी। ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा खर्च हो सकता है। भूमि, भवन, दुकान व फैक्टरी आदि के खरीदने की योजना बनेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। अपरिचितों पर अतिविश्वास न करें। प्रमाद न करें।
मीन
कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल रहेंगे। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। मातहतों से संबंध सुधरेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। जल्दबाजी न करें। कुबुद्धि हावी रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। कष्ट, भय, चिता व बेचैनी का वातावरण बन सकता है।
*आपका दिन मंगलमय हो
*
*छोटा सा अंतर*
एक बुद्धिमान व्यक्ति ,जो लिखने का शौकीन था, लिखने के लिए समुद्र के किनारे जा कर बैठ जाता था और फिर उसे प्रेरणायें प्राप्त होती थीं और उसकी लेखनी चल निकलती थी। लेकिन लिखने के लिए बैठने से पहले वह समुद्र के तट पर कुछ क्षण टहलता अवश्य था।
एक दिन वह समुद्र के तट पर टहल रहा था कि तभी उसे एक व्यक्ति तट से उठा कर कुछ समुद्र में फेंकता हुआ दिखा। जब उसने निकट जाकर देखा तो पाया कि वह व्यक्ति समुद्र के तट से छोटी -छोटी मछलियाँ एक-एक करके उठा रहा था और समुद्र में फेंक रहा था। और ध्यान से अवलोकन करने पर उसने पाया कि समुद्र तट पर तो लाखों कि तादात में छोटी -छोटी मछलियाँ पडी थीं जो कि थोडी ही देर में दम तोड़ने वाली थीं। अंततः उससे न रहा गया और उस बुद्धिमान मनुष्य ने उस व्यक्ति से पूछ ही लिया ,”नमस्ते भाई ! तट पर तो लाखों मछलियाँ हैं । इस प्रकार तुम चंद मछलियाँ पानी में फ़ेंक कर मरने वाली मछलियों का अंतर कितना कम कर पाओगे ? इस पर वह व्यक्ति जो छोटी -छोटी मछलियों को एक -एक करके समुद्र में फेंक रहा था ,बोला,”देखिए ! सूर्य निकल चुका है और समुद्र की लहरें अब शांत होकर वापस होने की तैयारी में हैं। ऐसे में ,मैं तट पर बची सारी मछलियों को तो जीवन दान नहीं दे पाऊँगा। और फिर वह झुका और एक और मछली को समुद्र में फेंकते हुए बोला, किन्तु इस मछली के जीवन में तो मैंने अंतर ला ही दिया और यही मुझे बहुत संतोष प्रदान कर रहा है।
इसी प्रकार ईश्वर ने हम सब में भी यह योग्यता दी है कि एक छोटे से प्रयास से रोज़ किसी न किसी के जीवन में ‘छोटा सा अंतर’ ला सकते हैं। जैसे ,किसी भूखे पशु या मनुष्य को भोजन देना , किसी ज़रूरतमंद की निःस्वार्थ सहायता करना इत्यादि। हम अपनी किस योग्यता से इस समाज को , इस संसार को क्या दे रहे हैं ,क्या दे सकते हैं, हमे यही आत्मनिरीक्षण करना है और फिर अपनी उस योग्यता को पहचान कर रोज़ किसी न किसी के मुख पर मुस्कान लाने का प्रयास करना है।
विश्वास करिए, ऐसा करने से अंततः सबसे अधिक लाभान्वित आप ही होंगे। ऐसा करने से सबसे अधिक अंतर आपको अपने भीतर महसूस होगा। ऐसा करने से सबसे अधिक अंतर आपके ही जीवन में पड़ेगा..!!